पाकिस्तान में 22 घंटे की बिजली कटौती पर प्रदर्शन, 700 ट्रक फंसे, चीन के साथ व्यापार ठप

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) का सबसे उत्तरी इलाका गिलगित-बाल्टिस्तान के हुंजा जिले में 22 घंटे की बिजली कटौती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन छठे दिन में प्रवेश कर गया है. इसकी वजह से काराकोरम हाईवे पर आवागमन ठप हो गया है. वहीं पाकिस्तान और चीन के बीच व्यापार भी रुक गया है. सरकार के साथ विफल बातचीत के बाद प्रदर्शनकारियों ने सोमवार से पूर्ण रूप से चक्का जाम और शटर डाउन हड़ताल की घोषणा की है. धरना समिति ने प्रदर्शन में महिलाओं और बच्चों को भी शामिल करने का फैसला किया है.

बता दें कि सैकड़ों पुरुष और महिलाएं कठोर सर्दियों के मौसम का सामना करते हुए, 24 घंटे विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं. प्रदर्शन ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के माध्यम से व्यापार को बाधित कर दिया है और क्षेत्र में पर्यटन को रोक दिया है.

बिजली कटौती की समस्या का समाधान

विरोध प्रदर्शन हुंजा अवामी एक्शन कमेटी और ऑल पार्टीज ट्रेडर्स एसोसिएशन ने शुरू किया था. जिसके बाद सरकारी कोशिशों के बावजूद कोई समाधान नहीं निकल पाया है. प्रदर्शनकारियों ने लंबे समय से चली आ रही बिजली कटौती की समस्या का समाधान होने तक अपना धरना जारी रखने की कसम खाई है. संकट के बारे में बोलते हुए, प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस ठंड के मौसम में 22 घंटे की बिजली कटौती के कारण जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हम अपना विरोध खत्म नहीं करेंगे.

माल से लदे 700 से अधिक ट्रक फंसे

गिलगित-बाल्टिस्तान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष इमरान अली के अनुसार, विरोध प्रदर्शन के कारण सीपीईसी ड्राई पोर्ट और अन्य स्थानों पर आयात और निर्यात माल से लदे 700 से अधिक ट्रक फंसे हुए हैं. चीन से सामान ले जाने वाले ट्रक सूखे बंदरगाह पर फंसे हुए हैं, जबकि पाकिस्तानी ट्रक हुंजा की सीमाओं के भीतर फंसे हुए हैं, और देश के अन्य हिस्सों में सामान पहुंचाने में असमर्थ हैं.

बातचीत बिना किसी सफलता के खत्म

अली ने आगे बताया कि सीमा से बर्फ हटाने के लिए भेजी गई मशीनरी भी फंस गई है, जिससे सीमा रखरखाव कार्यों में देरी हो रही है. ऐसी स्थिति में, दोनों देशों के बीच वाहन कैसे चल सकते हैं? उन्होंने व्यापारियों के सामने आने वाली गंभीर चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए सवाल उठाया. बढ़ते संकट के बावजूद, सरकार स्थिति से निपटने के लिए कोई रणनीति तैयार करने में विफल रही है. सरकार और विरोध समिति के बीच सोमवार को हुई बातचीत भी बिना किसी सफलता के ख़त्म हो गई.

प्रदर्शनकारियों ने अब पहिया जाम और शटर-डाउन हड़ताल की घोषणा की है, इस बात पर जोर देते हुए कि बिजली कटौती ने महिलाओं और बच्चों के लिए जीवन को असहनीय बना दिया है. समिति ने घोषणा की है कि घर में बिजली नहीं होने से महिलाओं और बच्चों को भी परेशानी हो रही है. बुधवार से वे विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे.

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