विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए गए बयान को अफसोसजनक बताया और कहा कि यह सरकार की स्थिति को नहीं दर्शाता है।
राहुल गांधी ने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी पर टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी की याददाश्त भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की तरह कमजोर हो रही है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच जो साझेदारी है, वह वर्षों की मेहनत, आपसी सम्मान और सहयोग पर आधारित है। ऐसी टिप्पणियां गर्मजोशी भरे और दोस्ताना संबंधों के अनुरूप नहीं हैं।
जायसवाल ने कहा, ‘भारत और अमेरिका के बीच एक बहुआयामी साझेदारी है, जो दोनों देशों के बीच वर्षों की मेहनत, मिलकर काम करने, आपसी सम्मान और प्रतिबद्धता पर बनी है। हम इस प्रकार की टिप्पणियों को अफसोसजनक मानते हैं और यह भारत व अमेरिका के अच्छे और दोस्ताना संबंधों के अनुकूल नहीं है। यह भारत सरकार की स्थिति को नहीं दर्शाता।’
एलएसी पर गश्त को लेकर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
इसके बाद, जब वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सैनिकों की गश्त के बारे में पूछा गया, तो जायसवाल ने कहा कि यह प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा, हम पहले भी कह चुके हैं कि हम इस पर काम कर रहे हैं और यह प्रक्रिया जारी है। इससे पहले भारत और चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग इलाकों में हर हफ्ते एक संयुक्त गश्त का फैसला लिया था।
दोनों देशों ने अक्तूबर के आखिरी हफ्ते में इन इलाकों से पीछे हटने के बाद इस गश्त की शुरुआत की थी। दोनों देशों के बीच संबंध उस समय से ज्यादा तनावपूर्ण थे, जब जून 2020 में गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी। दोनों देशों की सेनाओं के बीच दशकों में यह खूनी संघर्ष हुआ था।