देश की राजधानी दिल्ली इंडिया गेट से पहचानी जाती है और इंडिया की पहचान यहां शहीदों की याद में जल रही लौ अमर जवान ज्योति से होती थी। लेकिन आज के बाद से यह लौ यहां नहीं बल्कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलेगी। शुक्रवार को इंडिया पर जल रही अमर जवान ज्योति की लौ का विलय राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में कर दिया जाएगा।
इसे लेकर राहुल गांधी विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि कुछ लोगों को देशप्रेम और बलिदान की समझ नहीं है। यह बहुत दुखद है। इन विरोधी टिप्पणियों के बाद सरकार के सूत्रों के हवाले से इस संबंध में स्पष्टीकरण आया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई पर भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से कई ट्वीट आए हैं जिनमें पूरी बात स्पष्ट करने की कोशिश की गई है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि अमर जवान ज्योति की लौ बुझाई नहीं जा रही है। इसका राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में विलय किया जा रहा है। यह देखना बेहद अजीब था कि अमर जवान ज्योति की लौ तो 1971 व अन्य युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दे रही थी लेकिन उनमें से किसी का नाम वहां नहीं था।
इंडिया गेट पर जो नाम अंकित हैं वह भी सिर्फ प्रथम विश्व युद्ध में जान गंवाने वाले एंगलो-इडियन शहीदों और एंगलो अफगान वार के शहीदों के हैं और इस तरह यह ब्रिटिश काल की गुलामी का ही प्रतीक है।
सूत्र कहते हैं कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर सभी भारतीय शहीदों के नाम हैं जिन्होंने न सिर्फ 1971 के युद्ध में बलिदान दिया बल्कि उसके पहले और उसके बाद जितने भी युद्ध हुए। इस तरह यह शहीदों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अमर जवान ज्योति की लौ जले।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह बेहद अचंभित करता है कि वो लोग जिन्होंने सात दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया वो अब अमर जवान ज्योति को लेकर विलाप कर रहे हैं जबकि अब सही मायने में शहीदों को सही जगह पर श्रद्धांजलि दी जा रही है।



