देश के लिए आवाज उठाएं, प्रवासी भारतीयों की चुप्पी चिंता का कारण: शशि थरूर

संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति ने मंगलवार को अमेरिका से आए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में हालिया अमेरिकी नीतिगत फैसलों पर चिंता जताई। समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा कि भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों की चुप्पी चौंकाने वाली है और उन्हें भारत के हित में आवाज उठानी चाहिए।

बैठक में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारतीय मूल की सांसद एमी बेरा ने किया। उन्होंने भी माना कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय को अमेरिका में निर्णय प्रक्रिया पर सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। अमेरिकी सांसदों ने भारत-अमेरिका संबंधों की अहमियत पर जोर दिया और कहा कि हालिया तनावों के बावजूद दोनों देशों के बीच साझेदारी मजबूत है।

बैठक में मुख्य रूप से एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ाने और भारत से निर्यात होने वाले सामानों पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने के फैसलों को उठाया गया। भारतीय सांसदों ने इसे आईटी पेशेवरों और द्विपक्षीय संबंधों के लिए गंभीर झटका बताया। अमेरिकी सांसदों ने इन फैसलों की आलोचना करते हुए कहा कि इसका द्विपक्षीय साझेदारी पर असर पड़ सकता है।

ईरान के चाबहार पोर्ट और रणनीतिक साझेदारी पर भी चर्चा हुई। अमेरिकी प्रतिनिधियों ने भरोसा दिलाया कि कांग्रेस भारत के साथ रणनीतिक सहयोग को अहम मानती है और इसे मजबूत करने के पक्ष में है।

थरूर ने कहा कि बैठक में अमेरिकी सांसदों ने भारतीय अर्थव्यवस्था और प्रवासी समुदाय के योगदान की सराहना की। उन्होंने संकेत दिया कि मौजूदा चुनौतियों के बावजूद दोनों देशों के रिश्तों को और गहराई देने की इच्छा बनी हुई है।

बैठक औपचारिक एजेंडे का हिस्सा नहीं थी, लेकिन अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के भारत दौरे के अवसर पर इसे शामिल किया गया।

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