प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के अंतर्गत बिना किसी न्यूनतम बैलेंस वाले बैंक अकाउंट्स ने नया रिकॉर्ड बना लिया है. 9 अप्रैल 2025 तक जनधन अकाउंट में डिपॉजिट अकाउंट (जमा राशि) बढ़कर ₹2.63 लाख करोड़ पहुंच गया है, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है.
सरकार की ओर से जारी किए गए आकड़ों के मुताबिक, देशभर में अब तक 55.28 करोड़ जनधन अकाउंट खोले जा चुके हैं. इनमें से 37.98 करोड़ से ज्यादा खातों में रुपे डेबिट कार्ड भी जारी किए जा चुके हैं. पिछले साल की तुलना करें तो अप्रैल 2024 में इन अकाउंट में ₹2,34,997 करोड़ जमा थे, जो अब बढ़कर ₹2,63,145 करोड़ हो गया है. इस बढ़ोतरी से पता चलता है कि लोग अब इन अकाउंट का इस्तेमाल केवल सब्सिडी पाने के लिए नहीं, बल्कि बचत और डिजिटल फाइनेंशियल इनक्लूजन के लिए भी कर रहे हैं.
28 अगस्त 2014 को शुरू हुई थी प्रधानमंत्री जन धन योजना
प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) की शुरुआत 28 अगस्त 2014 को की गई थी, जिसका उद्देश्य हर उस परिवार तक बैंकिंग सर्विस पहुंचाना, जिनके पास बैंक अकाउंट नहीं था. इस स्कीम के तहत हर बिना बैंक अकाउंट वाले व्यक्ति के लिए एक ज़ीरो-बैलेंस सेविंग अकाउंट ओपन करवाने की सुविधा दी गई. PMJDY के तहत खुलने वाले अकाउंट में हर व्यक्ति को एक बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट (BSBD) अकाउंट मिलता है, जिसमें ₹10,000 तक का ओवरड्राफ्ट (OD) लिमिट दी जाती है. इसके साथ ही फ्री में RuPay डेबिट कार्ड दिया जाता है, जिसमें ₹2 लाख तक का एक्सिडेंटल इंश्योरेंस कवर भी मिलता है.
PMJDY अकाउंट में मिलता है 3%-4% ब्याज
PMJDY अकाउंट में जमा अकाउंट में 3-4% ब्याज मिलता है. सरकारी आकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण और अर्ध-शहरी (सेमी अर्बन) इलाकों में बैंक अकाउंट्स पर लाभार्थियों की संख्या 381.1 मिलियन पहुंच गई है. वहीं, शहरों और मेट्रो इलाकों की बात करें तो PMJDY लभार्थियों की संख्या 308 मिलियन पहुंच गई है. विभिन्न सब्सिडी और स्कीम्स की अमाउंट DBT प्रणाली के माध्यम से लाभार्थियों तक पहुंचाने से वित्त वर्ष 2015 से 2023 के बीच लगभग ₹3.5 ट्रिलियन की बचत हुई है.