दिल्ली-एनसीआर में सर्दी के समय में वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने को लेकर केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) सख्त है। ऐसे में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) में संशोधन किया है। अब ग्रेप में चरण तीन और चार के तहत कुछ प्रतिबंधों को चरण दो और तीन में शामिल किया है। ऐसे में ग्रैप दो और तीन को और सख्त बना दिया है।
इसमें ग्रैप दो लागू होते ही एनसीआर से आने वाली इंटरस्टेट बसों को दिल्ली में नहीं आने दिया जाएगा। इलेक्ट्रिक बसों, सीएनजी बसों और बीएस-6 डीजल बसों को इसमें छूट दी गई है। साथ ही, ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली बसों, टेम्पो ट्रैवलर को भी छूट दी गई है। वहीं, सार्वजनिक परिवहन को मेट्रो व बसों के फेरों को बढ़ाना होगा। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) को सुरक्षा स्टाफ को हीटर उपलब्ध कराना होगा।
यही नहीं, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 401 से 450 पहुंचेगा तब ग्रैप तीन लागू होते ही दिल्ली के आसपास के अन्य राज्यों से केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक, बीएस-6 वाहनों को एंट्री की इजाजत मिलेगी। इसमें बीएस तीन पेट्रोल और बीएस चार की चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, इसमें दिव्यांग लोगों को छूट मिलेगी।
एनसीटी दिल्ली व एनसीआर में डीजल चलित चार पहिया वाहनों पर रोक रहेगी। हालांकि, आपातकालीन वाहनों को छूट दी गई है। दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक रहेगी। हालांकि, केवल जरूरी सामान लेकर आने वाले ट्रकों और एलएनजी, सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को आने की अनुमति रहेगी।
प्रदूषण फैलाने वाले ट्रक, वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। उधर, एनसीआर की सरकारों को बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए पांचवीं कक्षा तक कक्षाएं हाइब्रिड मोड में संचालित करनी होगी। दूसरी ओर केंद्र सरकार को ऑफिस में 50 फीसदी कर्मचारियों के लिए घर से काम करने का फैसला लेना होगा। पहले यह ग्रैप चार में प्रतिबंध लागू होते थे।