सोने और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव भले ही चिंता का विषय हो, लेकिन इस समय सबसे बड़ी चिंता करेंसी मार्केट को लेकर है, जहां बीते छह दिनों से भारतीय रुपया दबाव में है। डॉलर के मुकाबले रुपए में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और बुधवार को यह 86.41 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट विदेशी निवेशकों की बिकवाली और डॉलर की मजबूती के चलते हो रही है।
इसके अलावा, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते में देरी भी रुपये पर नकारात्मक असर डाल रही है। यदि यह डील 1 अगस्त से पहले नहीं होती है तो रुपया 87 के पार जा सकता है, जो भारत की अर्थव्यवस्था के लिए नई चुनौती पैदा करेगा।
बाजार खुलते ही दबाव में रहा रुपया
इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया बुधवार को 86.46 के स्तर पर खुला और कारोबार के दौरान यह 86.34 के उच्चतम स्तर तक पहुंचा, लेकिन अंत में यह 86.41 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से तीन पैसे कमजोर रहा। मंगलवार को रुपया 86.38 पर बंद हुआ था।
गिरावट की रफ्तार क्यों रही सीमित
मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी के मुताबिक, डॉलर में मजबूती और एफआईआई की बिकवाली के चलते रुपया कमजोर हुआ, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और घरेलू शेयर बाजार में मजबूती के कारण गिरावट की गति थमी रही। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में रुपया 85.60 से 86.30 के दायरे में रह सकता है।
इस बीच, डॉलर इंडेक्स—जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति दर्शाता है—0.04% की तेजी के साथ 97.16 पर पहुंच गया। घरेलू शेयर बाजार में भी मजबूती देखने को मिली, जहां सेंसेक्स 539.83 अंकों की बढ़त के साथ 82,726.64 और निफ्टी 159 अंकों की तेजी के साथ 25,219.90 पर बंद हुआ। ब्रेंट क्रूड की कीमत भी 0.52% घटकर 68.23 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई।
ट्रेड डील की देरी बन सकती है मुश्किल
विश्लेषकों के मुताबिक, निवेशकों की नजरें अब भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की ओर हैं। यदि 1 अगस्त तक कोई निर्णायक नतीजा नहीं निकलता है, तो भारतीय निर्यातक दबाव में आ सकते हैं और इसका असर सीधे रुपया पर पड़ेगा। दोनों देशों के बीच हाल ही में वॉशिंगटन में बातचीत का पांचवां दौर पूरा हुआ है, और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल अगस्त में भारत आने की योजना बना रहा है।
इधर, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भी भारी बिकवाली की है। आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को एफआईआई ने 3,548.92 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।