रूस की यूक्रेन पर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की कोई मंशा नहीं: पुतिन

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार को  कहा कि हम अमेरिका के साथ रणनीतिक स्थिरता पर बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं। लेकिन हमें उस पर अमेरिका की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। 

यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच रूसी पुतिन ने पश्चिमी देशों को ‘खतरनाक, खूनी और गंदे’ भू-राजनीतिक खेल करने के लिए लताड़ा। पुतिन ने कहा कि आखिर में अमेरिका और उसके सहयोगियों को रूस से बात करनी ही पड़ेगी। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुतिन ने वल्दाई डिस्क्शन क्लब को बताया कि दुनियाभर में सत्ता में वही है, जिन्हें पश्चिम ने अपने खेल की पंक्ति में डाल दिया है। लेकिन मैं इसे खतरनाक, खूनी और गंदा खेल कहूंगा। हवा में जहर बोने वाला, इसके तूफान का सामना करेगा। 

पुतिन ने कहा, मैंने हमेशा कॉमन सेन्स में भरोसा किया है, इसलिए मैं आश्वस्त हूं कि देर-सबेर बहु-ध्रुवीय विश्व व्यवस्था के नए केंद्रों और पश्चिम को हमारे द्वारा साझा किए जाने भविष्य की योजना पर समान रूप से बातचीत शुरू करनी होगी। जितना जल्दी हो बेहतर होगा। 

पुतिन ने कहा, उपनिवेशवाद से अंधे पश्चिम ने यूक्रेन में संघर्ष को भड़काने में मदद की। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिमी देशों ने वैश्विक प्रभुत्व कायम करने के लिए ताइवान में भी संकट पैदा करने की कोशिश की। 

रूस ने इसी साल 24 फरवरी को यूक्रेन में सैनिकों को भेजा था। इससे पहले भी 1962 में सोवियत संघ और अमेरिका परमाणु युद्ध के तब करीब आ गए थे, जब क्यूबा मिसाइल संकट सामने आया था। 

पुतिन ने रूसी नेता अलेक्जेंडर सोल्झेनित्सिन के 1978 के हार्वर्ड व्याख्यान का हवाला देते हुए कहा कि पश्चिम खुले तौर पर नस्लवादी है और दुनिया के अन्य लोगों को नीचा दिखाता है। 
 
उन्होंने आगे कहा, पश्चिमी देशों पर भरोसा करना एक बहुत ही खतरनाक स्थिति है। रूस कभी भी पश्चिम की इस बात को स्वीकार नहीं करेगा कि उसे क्या काम करना है। पश्चिम की तरह हम दूसरों के बाड़े में नहीं जाते। 

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