क्या पुतिन यूक्रेन को जीतने के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं? ऐसी संभावना हो सकती है लेकिन कई विशेषज्ञों का कहना है कि स्थितियां अभी यहां तक नहीं पहुंची हैं.
ये सही है कि पुतिन ने साफ़ तौर पर कहा है कि अगर कोई यूक्रेन में बाहर से दखल देने की कोशिश करता है तो उसे अपने इतिहास से भी ज़्यादा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
वो अक्सर ये बात कह चुके हैं कि अगर दुनिया में रूस शामिल नहीं है, तो दुनिया का अस्तित्व क्यों बना रहे?
लेकिन, इतिहास ख़ुद को दोहरा सकता है. 1939 में जब स्टालिन ने फ़िनलैंड पर हमला किया था तो उन्हें इसके कुछ ही दिनों में हथियार डालने की उम्मीद थी. लेकिन, फ़िनलैंड ने कड़ा पलटवार किया और रूस की सेना को बड़ा नुक़सान झेलना पड़ा.
शीत युद्ध ख़त्म होने में लगभग एक साल का समय था. फ़िनलैंड ने अपना क्षेत्र खो दिया लेकिन वो एक स्वतंत्र देश बना रहा. संभावना है कि यूक्रेन में भी युद्ध इसी तरह ख़त्म होगा.
अभी बस शुरुआत हुई है. यूक्रेन छह दिनों से डटा हुआ है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो रूस को और ज़्यादा समय तक रोक सकता है.
पर ये सही है कि युद्ध का पहला राउंड एकतरफ़ा नहीं रहा है. पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया लोगों की उम्मीदों से ज़्यादा मज़बूत रही हैं, ख़ासतौर पर पुतिन की उम्मीदों से.