भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिये बगैर कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के हमारे सामूहिक संकल्प को कुछ देश कमजोर करते हैं. इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की उच्चस्तरीय बैठक में भारत ने दो टूक कहा कि दुनिया को आतंकवाद की बुराई से कभी समझौता नहीं करना चाहिए. श्री जयशंकर ने कहा कि भारत मानता है कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवादी कृत्यों द्वारा अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद से संबंधित चुनौतियों और क्षति से भारत बहुत ज्यादा प्रभावित रहा है. पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे देश हैं, जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर करते हैं, इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती.
एस जयशंकर ने आईएसआईएस को लेकर भी विश्व समुदाय को चेताया. उन्होंने कहा कि आईएसआईएस, आईएसआईएल-खुरासन (आईएसआईएल-के) के वित्तीय संसाधन जुटाने का तंत्र और अधिक मजबूत हुआ है. हत्याओं का इनाम अब बिटकॉइन के रूप में भी दिया जा रहा है. जयशंकर ने कहा कि व्यवस्थित ऑनलाइन प्रचार अभियानों के जरिये कमजोर वर्ग के युवाओं को कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल करना गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमारे पड़ोस में आईएसआईएल खुरासन काफी सक्रिय हो गया है. अफगानिस्तान की घटना ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. आतंकवाद के प्रसार से क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों समस्याएं बढ़ेंगी. इसलिए समय रहते आतंकवाद के फन को कुचलना होगा.
भारत के विदेश मंत्री ने सुरक्षा परिषद में कहा कि अफगानिस्तान हो या भारत, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद दोनों पूरी ताकत के साथ एक बार फिर एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं. हक्की नेटवर्क की लगातार बढ़ती गतिविधियां इसे जायज ठहरा रही हैं.