मौलानाओं को सैलरी, हमें क्यों नहीं? केजरीवाल के घर के बाहर धरने पर बैठे पुजारी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास के बाहर मंगलवार को पुजारियों ने धरना प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि मस्जिद के मौलानाओं को जिस तरह से सरकार सैलरी देती है तो फिर उन्हें क्यों नहीं मिलती।

भाजपा मंदिर प्रकोष्ठ ने मंदिर के पुजारियों की इस मांग को लेकर विरोध दर्ज किया। इस मौके भाजपा मंदिर प्रकोष्ठ के अध्यक्ष करनैल सिंह ने कहा कि जब हिंदुओं के टैक्स के पैसे से मौलवियों को वेतन मिल सकता है तो फिर हिंदुओं को भी मिलना चाहिए। मंदिर के पुजारियों को भी मानदेय मिलना चाहिए। धरने में शामिल साधु-संत ने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया।

इस मुद्दे को पिछले साल भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने उठाया था। मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर मस्जिदों के मौलवियों की तरह ही मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारा के ग्रंथियों को भी तनख्वाह देने की मांग की थी। कहा था कि संविधान की प्रकृति धर्मनिरपेक्ष है। टैक्स देने वाले सभी हैं। किसी एक धार्मिक वर्ग पर खर्च नहीं करना चाहिए। जनता के इन पैसों पर सभी धार्मिक वर्ग के लोगों का समान अधिकार है। लिहाजा पुजारियों को भी वेतन मिले।

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