धार्मिक और सामाजिक सद्भाव, धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता भारत के डीएनए में हैं और यह एकमात्र ऐसा देश है जहां लगभग सभी धर्मों को मानने वाले शांतिपूर्ण तरीके से रहते हैं। यह बात भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को संत गुरु रविदास की जयंती के मौके पर कही।
भारतीय बौद्ध संघ द्वारा आयोजित ‘सामाजिक समरसता सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईमानदारी और कड़ी मेहनत ने साबित कर दिया है कि सच्चाई को न तो परेशान किया जा सकता है और न ही उसे हराया जा सकता है। गुरु रविदास की शिक्षाएं, विचारधारा और दर्शन ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के प्रति प्रतिबद्धता के शाश्वत सार हैं।
नकवी ने कहा कि संत रविदास ने सदियों पहले जाति व्यवस्था के बुरे प्रभावों के खिलाफ चेतावनी देते हुए जो कड़ा संदेश दिया था, वह आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि संत रविदास की शिक्षाओं और संदेशों को आत्मसात करते हुए मोदी सरकार ने जाति, समुदाय, क्षेत्र और धर्म की बाधा को तोड़ा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर जरूरतमंद को बिना किसी भेदभाव के समान रूप से विकास का लाभ मिले।
विभिन्न वैश्विक चुनौतियों और संकटों के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत महान संतों और सूफियों की शिक्षाओं और दर्शन की ताकत के कारण पूरी दुनिया को रास्ता दिखा रहा है। नकवी ने कहा कि धार्मिक और सामाजिक सद्भाव, धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता भारत के डीएनए में है। उन्होंने कहा कि भारत पूरी दुनिया के लिए सद्भाव, सहिष्णुता और भाईचारे का आदर्श बन गया है।
उन्होंने कहा, “भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां दुनिया के लगभग सभी धर्मों को मानने वाले शांतिपूर्ण तरीके से रहते हैं।” नकवी ने कहा, “हम सभी को उन बुरे तत्वों को हराने के लिए मिलकर काम करना होगा जो देश में सामाजिक सद्भाव और विविधता में एकता के ताने-बाने को बिगाड़ने और नुकसान पहुंचाने की साजिश में शामिल हैं।”
इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य सत्यनारायण जटिया, विश्व हिंदू परिषद के दिल्ली अध्यक्ष कपिल खन्ना, भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल, भाजपा नेता आदेश गुप्ता सहित अन्य लोग मौजूद थे।