ओमिक्रॉन से निपटने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट बनाएगा कोविशील्ड की बूस्टर डोज

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से निपटने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत कंपनी ने कोविशील्ड का बूस्टर डोज बनाने और कोरोना के नए वैरिएंट से आपात स्थिति में निपटने के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मंजूरी मांगी है। यह जानकारी सीरम इंस्टीट्यूट के अधिकारियों ने दी। 

सीरम इंस्टीट्यूट में गवर्नमेंट एंड रेगुलेटरी अफेयर्स के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने बताया कि इस संबंध में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को आवेदन पत्र भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि यूके मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी ने एस्ट्राजेनेका की बूस्टर डोज को पहले ही मंजूरी दे दी है। 

प्रकाश सिंह ने बताया कि दुनिया लगातार कोरोना महामारी से जूझ रही है। ऐसे में कई देशों ने कोविड-19 वैक्सीन से निपटने के लिए बूस्टर डोज लगानी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, आवेदन पत्र में लिखा है कि दूसरे देशों की तरह भारत में भी काफी आबादी कोविशील्ड वैक्सीन के दोनों टीके लगवा चुकी है। ऐसे लोग लगातार बूस्टर डोज के लिए अनुरोध कर रहे हैं। 


उन्होंने कहा कि अब देश में कोविशील्ड की वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। ऐसे में दोनों डोज लगवा चुके लोग कोरोना के नए वैरिएंट को देखते हुए बूस्टर डोज लगवाने की मांग लगातार कर रहे हैं। इसके चलते लोगों को बूस्टर डोज लगाने की अनुमति जल्द से जल्द दी जानी चाहिए। 

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