पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान हुई हिंसा की खबरों को खारिज करती आ रही ममता सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट से शुक्रवार को बड़ा झटका लगा। बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया कि राज्य पुलिस हिंसा से पीड़ित सभी लोगों की शिकायतें दर्ज करे और पीड़ितों को राशन भी दिया जाए। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुलिस के अलावा ममता सरकार को भी निर्देश जारी किए। हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार चुनाव हिंसा के सभी पीड़ितों को चिकित्सिय इलाज मुहैया कराए और सभी को राशन कार्ड न होने पर भी राशन की सुविधा दे।
बता दें कि ममता सरकार ने कहा था कि चुनाव के दौरान राज्य में कोई हिंसा नहीं हुई। इसके अलावा हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि भाजपा कार्यकर्त्ता अभिजीत सरकार की दूसरी ऑटोप्सी कोलकाता के कमांड अस्पताल में होगी। जादवपुर के जिलाधिकारी, एसपी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी हाईकोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में उनसे पूछा गया कि राज्य में हुई हिंसा के लिए क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए।
हाईकोर्ट ने बंगाल के मुख्य सचिव को चुनाव के बाद हुई हिंसा से संबंधित दस्तावेजों और कागजों को संभालकर रखने के भी निर्देश दिए हैं। इसी के साथ हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से की जा रही जांच 13 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 13 जुलाई को होगी।