चांदी के दाम फिर 1 लाख रुपये प्रति किलो के पार, मांग बढ़ने से सप्लाई घटी

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को चांदी की कीमत 1 लाख रुपये प्रति किलो से ऊपर पहुंच गई। असल में चांदी का दाम 98,492 रुपये था, लेकिन 3% GST जोड़ने के बाद इसकी कीमत बढ़कर 1,01,346 रुपये हो गई। यह साल की दूसरी बार है जब चांदी के दाम 1 लाख रुपये के ऊपर गए हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि चांदी की मांग काफी तेज़ है, जबकि उत्पादन कम होने की वजह से सप्लाई में कमी आई है। वैलट्रस्ट के सीआईओ अरिहंत बर्दिया के अनुसार, 2025 लगातार पांचवां ऐसा साल होगा जब चांदी की कमी बनी रहेगी। उन्होंने बताया कि औद्योगिक जरूरतें बढ़ने के बावजूद खनन और रीसाइक्लिंग से चांदी की आपूर्ति पर्याप्त नहीं हो पा रही है, जो कीमतों में तेजी का मुख्य कारण है।

अरिहंत बर्दिया ने यह भी बताया कि यह कमी अब अस्थायी नहीं रह गई है, बल्कि स्थायी (structural) समस्या बन चुकी है। 2021 से लेकर अब तक हर साल 79 मिलियन से 250 मिलियन औंस तक चांदी की कमी देखी गई है।

चांदी की खपत में बदलाव भी देखने को मिला है। अब गहनों के मुकाबले ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक्स में इसकी मांग सबसे अधिक है। खासकर विकासशील देशों में तकनीकी इस्तेमाल बढ़ने से यह मांग और बढ़ रही है।

वहीं, ‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर कहा कि सोने की कीमत $25,000, चांदी की कीमत $70 और बिटकॉइन $5 लाख से $10 लाख डॉलर तक जा सकती है। वे भी मानते हैं कि चांदी की कीमत अभी कम आंकी गई है।

अरिहंत बर्दिया ने निवेशकों को चेतावनी देते हुए कहा कि चांदी की कीमतें अत्यधिक उतार-चढ़ाव वाली होती हैं, इसलिए निवेश सोच-समझकर और सावधानी के साथ करना चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि कुल निवेश का केवल 5% हिस्सा ही चांदी में लगाना चाहिए और स्टॉप-लॉस का इस्तेमाल कर नुकसान से बचाव करना चाहिए।

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