भाजपा ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आरोप लगाया है कि उनका नाम भारतीय नागरिक बनने से पहले ही मतदाता सूची में शामिल किया गया था। पार्टी का दावा है कि यह मामला 1980-82 का है, जबकि सोनिया गांधी को भारतीय नागरिकता 1983 में मिली थी। भाजपा का यह आरोप तब सामने आया है जब कांग्रेस ने पिछले साल के चुनावों में ‘वोट चोरी’ के मुद्दे को उठाया था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 1946 में इटली में जन्मी सोनिया गांधी ने 1968 में राजीव गांधी से शादी की और उसके बाद उनका नाम 1980 लोकसभा चुनाव से पहले नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज कर दिया गया। ठाकुर ने इसे नियमों का उल्लंघन बताया क्योंकि किसी का नाम वोटर लिस्ट में तभी डाला जा सकता है जब वह भारतीय नागरिक हो। भाजपा के अमित मालवीय ने भी सोशल मीडिया पर 1980 की मतदाता सूची का कथित अंश साझा कर इसे ‘स्पष्ट चुनावी गड़बड़ी’ बताया।
भाजपा का दावा है कि विरोध के बाद 1982 में उनका नाम सूची से हटाया गया, लेकिन 1983 में पुनः जोड़ा गया। आरोप है कि इस बार भी नियमों का उल्लंघन हुआ क्योंकि नागरिकता मिलने की तारीख अप्रैल थी, जबकि मतदाता सूची में नाम जोड़ने की अंतिम तिथि जनवरी थी। ठाकुर ने इसे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ‘वोटर फ्रॉड’ आरोपों से जोड़ते हुए कहा कि राहुल गांधी झूठे दावे कर रहे हैं।
कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को राजनीति प्रेरित बताते हुए इसे जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास करार दिया। पार्टी ने कहा कि यह पुराना मामला है और वर्तमान मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय इसे उठाया गया।
इस बीच, कांग्रेस ने कर्नाटक और महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर वोटर फ्रॉड का आरोप लगाया है। राहुल गांधी का दावा है कि कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र से 1.02 लाख फर्जी वोट गिने गए, जबकि महाराष्ट्र में भी एक करोड़ से अधिक वोटर लिस्ट में जोड़े जाने का आरोप है। बिहार में ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ को लेकर विपक्ष ने चेतावनी दी है कि यह उनके वोटरों को हटाने की साजिश है। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज कर कांग्रेस से सबूत मांगने के साथ शपथ पत्र में दावों को पेश करने की चुनौती दी है।