सोनिया ने रायबरेली के लिए छोड़ दी थी बेल्लारी, राहुल वायनाड छोड़ेंगे?

लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को बंपर सीटें मिली हैं. बेशक एनडीए बहुमत है, लेकिन देश में कई राज्य ऐसे हैं जहां इंडिया गठबंधन ने कांटे की टक्कर दी है. खासतौर से यूपी में मिली कामयाबी ने इंडिया गठबंधन उत्साहित है. इस बंपर जीत के साथ अब जो सबसे बड़ा सवाल है वह यही है कि क्या अब राहुल गांधी रायबरेली की सीट छोड़ पाएंगे? मंगलवार को इसे लेकर गांधी परिवार में लंबी चर्चा हुई.

राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड से बंपर जीत दर्ज की है. हालांकि उन्हें दो में से कोई एक सीट छोड़नी होगी, ये सीट कौन सी होगी ये सबसे बड़ा सवाल है. इसे लेकर जब मंगलवार को राहुल गांधी से सवाल पूछा गया था तो उन्होंने यही कहा था कि इस पर कुछ सोचा नहीं है. बैठकर बातचीत करेंगे, उसके बाद ही इस पर कोई फैसला लेंगे. बेशक राहुल गांधी ने इस सवाल का कोइ जवाब नहीं दिया, लेकिन यह सवाल इतना बड़ा है कि मंगलवार शाम को ही गांधी परिवार में इस पर चर्चा की गई.

तो कौन सी सीट छोड़ेंगे राहुल

रायबरेली और वायनाड में जीत के बाद राहुल गांधी कश्मकश में है. दरअसल पहले ये माना जा रहा था कि जहां से राहुल गांधी की जीत बड़ी होगी वह सीट राहुल गांधी नहीं छोड़ेंगे. कांग्रेस ऐसा पहले भी करती रही है, जब 1999 में सोनिया गांधी रायबरेली और बेल्लारी से चुनाव लड़ीं थीं, तो दोनों जगह जीतने के बाद उन्होंने यही फार्मूला अपनाया था. ज्यादा वोटों से जीतने की वजह से उन्हें रायबरेली को चुना था.

विरासत के नाम पर चुनी थी रायबरेली की सीट

राहुल गांधी ने विरासत के नाम पर अमेठी छोड़ रायबरेली की सीट चुनी थी. रायबरेली से राहुल गांधी को वायनाड से ज्यादा मतों से जीत दिला दी. अब माना जा रहा है कि राहुल गांधी परिवार की 100 साल विरासत के लिहाज से और ज्यादा वोटों से जीतने की वजह से रायबरेली को चुनेंगे.

उत्तर भारत पर नजर

परिवार की विरासत के अलावा दूसरी वजह ये है कि इंडिया गठबंधन को मजबूती दिलाने में सबसे बड़ा योगदान यूपी ने दिया है. रायबरेली उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण और गांधी परिवार की मजबूत सीट मानी जाती है. जीत भी बंपर मिली है, ऐसे में राहुल गांधी के लिए अब इस सीट को छोड़ना बेहद मुश्किल हो चला है.

बताया जा रहा है कि गांधी परिवार में प्रियंका को चुनाव लड़ाने पर चर्चा हुई है. तय किया गया है कि जब दोनों जगहों से पारिवारिक रिश्ता है तो इसे बरकरार रखा जाएगा. यदि राहुल गांधी वायनाड की सीट छोड़ते हैं तो प्रियंका गांधी को वायनाड से चुनाव लड़ाया जा सकता है.

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