मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दिल्ली पहुंचने के बाद पहले विधायकों को दिल्ली बुला लिया गया था। लेकिन बाद में तय हुआ कि विधायक मंडल दल की बैठक दिल्ली में नहीं देहरादून में होगी। यह तय होने के बाद दिल्ली जा रहे विधायकों को बीच रास्ते से देहरादून लौटने को कहा गया।
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री दिल्ली जाने के बाद उनके समर्थक विधायकों ने भी दिल्ली की राह पकड़ी। पहले ऐसा अनुमान था कि केंद्रीय नेतृत्व दिल्ली में प्रदेश भाजपा विधायक मंडल की दल बैठक बुला सकता है। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया कि बैठक देहरादून में मुख्यमंत्री आवास में होगी। यह सूचना दिल्ली के लिए कूच कर चुके विधायकों को दी गई। सूत्रों के मुताबिक, सूचना मिलने के बाद विधायकों ने बीच रास्ते से देहरादून को वापसी की राह पकड़ी।
वहीं, विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा- इस बात का गलत प्रचार किया जा रहा है कि प्रदेश सरकार या सीएम के खिलाफ असंतोष है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ही सीएम रहेंगे। अभी तक विधायक दल की आधिकारिक बैठक नहीं बुलाई गई है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि प्रदेश में भाजपा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। उन्होंने नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी फोरम पर नेतृत्व परिवर्तन के संबंध में कोई बात नहीं हुई है। भगत सोमवार को प्रदेश पार्टी कार्यालय में डेरा जमाए रहे। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को पर्यवेक्षक बनाकर देहरादून भेजे जाने के बाद से सियासी हवाओं में गरमाई नेतृत्व परिवर्तन की संभावना से जुड़ी चर्चाओं का उन्होंने खंडन किया। उन्होंने कहा कि यह चर्चा सिर्फ टीवी चैनलों में हो रही है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी फोरम पर ऐसी कोई चर्चा नहीं हैं।