केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर के बडगाम में शौर्य दिवस के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पोओजेके के लोगों का दर्द हम समझते हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि वे पाकिस्तान से सवाल करना चाहेंगे कि जिन इलाकों पर उसने अनधिकृत कब्जा किया हुआ है वहां लोगों को क्या अधिकार दिए हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘यहां मैं पाकिस्तान से यह सवाल जरूर पूछना चाहूंगा, कि हमारे जिन इलाकों पर उसने अपना अनधिकृत कब्जा जमाया हुआ है, वहां के लोगों को उसने कितने अधिकार दे रखे हैं। मानवाधिकार के नाम पर मगरमच्छ के आंसू बहाने वाला पाकिस्तान, इन इलाकों के लोगों की कितनी चिंता करता है, यह सब जानते हैं।’

आगे उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख का क्षेत्र आज सामान्य प्रदेशों से कहीं अधिक रफ्तार से प्रगति के रास्ते पर है। यह प्रदेश एक के बाद एक विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है। पर मैं यहां कहना चाहूंगा, कि अभी तो हमने इस इलाके के विकास का आगाज भर किया है।

राजनाथ सिंह ने कहा, हमारी यात्रा तो तब पूरी होगी, जब 1947 के रिफ्यूजियों को न्याय मिलेगा, जब उनके पूर्वजों की भूमि उन्हें सम्मान के साथ वापस मिल सकेगी। मैं यहां की जनता, और हमारी सेनाओं के पराक्रम के बल पर पूरा आश्वस्त हूं, कि वह दिन दूर नहीं जब हमारे यह सभी मेनडेट भी सफलतापूर्वक पूरे होंगे।

उन्होंने कहा, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जम्मू और कश्मीर के पूर्ण एकीकरण का एक महायज्ञ शुरू किया था, जिसकी पूर्णाहुति 5 अगस्त 2019 को हुई, जब माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में अनुच्छेद का अवसान हुआ, और इस क्षेत्र में उम्मीदों की एक नई सुबह हुई।