सीरिया में असद के समर्थकों के खिलाफ तगड़ा एक्शन, हिंसा में 200 से ज्यादा लोगों की मौत

सीरिया में नए शासन और सत्ता छोड़कर भागे राष्ट्रपति बशर अल असद के समर्थकों के बीच हिंसा देखी गई. असद के समर्थक अलावाइट और सीरिया की नई सरकार के सुरक्षा बल के बीच गुरुवार को हिंसा शुरू हुई, जो शुक्रवार को भी जारी रही. इस हिंसा में 200 से ज्यादा लोगों की मौत दर्ज की गई है.

दिसंबर में विद्रोहियों ने असद को सत्ता से हटा दिया था और सत्ता पलट हो गया था. इसी के बाद देश में इस्लामी संक्रमणकालीन सरकार स्थापित की गई थी. इस्लामी सरकार बनने के बाद से और बशर अल असद के देश से हटने के बाद से यह सीरिया में पहली भीषण हिंसा हुई है.

गांव में लगाया गया कर्फ्यू

युद्ध निगरानी समूह, ब्रिटिश स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि इस हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं. लड़ाई छिड़ने वाली जगह लताकिया और टार्टस शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. नई सरकार के सुरक्षा बल अलावाइट ग्रुप पर अटैक कर रहे हैं. यह अटैक तटीय क्षेत्र में हो रहे हैं जहां अलावाइट अल्पसंख्यक का गढ़ है और असद परिवार का गढ़ है, जो अलावाइट संप्रदाय से संबंधित है.

सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने शुक्रवार को कहा कि इस हिंसा में 71 लोग मारे गए हैं, जिनमें सरकारी बलों के 35 सदस्य, पूर्व शासन की सेना से जुड़े 32 बंदूकधारी और चार नागरिक शामिल हैं. साथ ही इस हिंसा में 10 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. इसी के बाद फिलहाल के अपडेट के मुताबिक, लड़ाई शुरू होने के बाद से 200 से अधिक लोग मारे गए हैं. गांवों में स्पष्ट रूप से बदले की कार्रवाई में लगभग 140 लोग मारे गए हैं, सीरिया के सरकारी बलों के कम से कम 50 सदस्य और असद के प्रति वफादार 45 लड़ाके मारे गए हैं.

क्यों शुरू हुई हिंसा

गांव में हमले गुरुवार को शुरू हुए और शुक्रवार को भी जारी रहे. दिसंबर की शुरुआत में इस्लामी समूह हयात तहरीर अल-शाम के नेतृत्व वाले विद्रोही समूहों के असद की सरकार को गिराए जाने के बाद से दोनों पक्षों के बीच चल रही झड़पों में यह सबसे बुरी हिंसा है. सरकार ने 14 साल के गृह युद्ध के बाद सीरिया को एकजुट करने का वादा किया है.

ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, यह हिंसा तब शुरू हुई जब सरकारी बलों ने गुरुवार को तटीय शहर जबलेह के पास एक वांछित व्यक्ति को हिरासत में लेने की कोशिश की और असद के वफादारों ने सुरक्षा बलों पर इस एक्शन के लिए हमला कर दिया.

ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, गुरुवार और शुक्रवार को नई सरकार के प्रति वफादार बंदूकधारियों ने तट के पास शीर, मुख्तारियेह और हफ्फा गांवों पर हमला किया, जिसमें 69 पुरुषों की मौत हो गई, लेकिन किसी महिला को नुकसान नहीं पहुंचा.

बेरूत स्थित अल-मायादीन टीवी ने भी तीन गांवों पर हमलों की रिपोर्ट दी और कहा कि अकेले मुख्तारियेह गांव में 30 से अधिक लोग मारे गए. बनियास शहर में महिलाओं और बच्चों सहित अन्य 60 लोग मारे गए.

गांव में भेजी गई सेना

सीरियाई अधिकारियों ने मरने वालों की संख्या अभी नहीं बताई है, लेकिन सीरिया की राज्य समाचार एजेंसी SANA ने एक अज्ञात सुरक्षा अधिकारी के हवाले से कहा कि सरकारी सुरक्षा बलों पर हाल के हमलों का बदला लेने के लिए कई लोग तट पर गए थे. अधिकारी ने कहा कि इन कार्रवाइयों से “कुछ व्यक्तिगत उल्लंघन हुए हैं और हम उन्हें रोकने पर काम कर रहे हैं.” रात भर में, दमिश्क ने लताकिया और टार्टस के तटीय शहरों और आस-पास के गांवों में अतिरिक्त सेना भेजी गई है, लताकिया और अन्य तटीय क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू रहा.

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