नई दिल्ली। अभिनेता विजय राज की फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर उपजा विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फिल्म की रिलीज से जुड़ी सुनवाई को 21 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि अब फिल्म की रिलीज़ उस तारीख से पहले नहीं हो पाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा – केंद्र के फैसले का इंतजार करें
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए फिल्म निर्माताओं को केंद्र सरकार के निर्णय का इंतजार करने की सलाह दी। साथ ही केंद्र की उस समिति को, जो फिल्म पर आई आपत्तियों की जांच कर रही है, निर्देश दिया कि वह जल्द से जल्द इस पर कोई स्पष्ट निर्णय ले। अदालत ने समिति से यह भी कहा कि वह कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपियों की बात भी सुने। समिति की बैठक इसी दिन दोपहर 2:30 बजे निर्धारित थी।
रिलीज़ पर अंतरिम रोक जारी
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने स्पष्ट किया कि वह फिलहाल कोई अंतिम आदेश नहीं देंगे और केंद्र की राय का इंतजार किया जाएगा। इसका अर्थ यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस समय फिल्म की रिलीज़ पर लगी रोक को हटाने से इंकार कर दिया है।
कोर्ट ने जताई प्रतिष्ठा की चिंता, दिया मुआवज़े का संकेत
कोर्ट ने निर्माताओं से कहा कि अगर फिल्म से किसी की प्रतिष्ठा को हानि पहुंचती है, तो उसकी भरपाई आर्थिक रूप से तो की जा सकती है, लेकिन उसकी सामाजिक साख लौटाना संभव नहीं है। इसलिए पहले सभी पक्षों को सुना जाए और फिर कोई ठोस निर्णय लिया जाए।
निर्माता बोले – हमारे पास सेंसर बोर्ड की मंज़ूरी है
निर्माताओं की ओर से कोर्ट में कहा गया कि फिल्म को सर्टिफिकेट मिल चुका है, इसलिए उसकी रिलीज़ में कोई अड़चन नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि फिल्म का नाम पहले कुछ और था, जिसे बदलकर अब ‘उदयपुर फाइल्स’ रखा गया है।
वकील कपिल सिब्बल ने जताई कड़ी आपत्ति
इस मामले में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील दी कि यह फिल्म एक खास समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने का एक गंभीर उदाहरण है, और इसे रिलीज़ नहीं किया जाना चाहिए। अदालत ने सभी पक्षों को पहले केंद्र के समक्ष अपनी बात रखने और निर्णय का इंतजार करने की सलाह दी है।