नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। इस दौरान रामेश्वर खनाल को वित्त मंत्री, ओमप्रकाश अर्याल को गृह मंत्री और कुलमान घीसिंग को ऊर्जा मंत्री के पद की शपथ दिलाई गई। अर्याल को अतिरिक्त रूप से कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है, जबकि घीसिंग ऊर्जा के साथ-साथ भौतिक पूर्वाधार, यातायात और शहरी विकास मंत्रालय के कार्यभार संभालेंगे। खनाल पहले आर्थिक सुधार सुझाव आयोग के अध्यक्ष और पूर्व सचिव रह चुके हैं। अर्याल पेशे से वकील हैं और घीसिंग नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व कार्यकारी निदेशक रह चुके हैं। उन्हें पहले पीएम पद के संभावित उम्मीदवारों में भी शामिल किया गया था।
प्रधानमंत्री कार्की को राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने शुक्रवार देर रात अंतरिम सरकार का मुखिया नियुक्त किया था और उन्होंने रविवार को औपचारिक रूप से पदभार संभाला। कार्की के पास 5 मार्च तक नए चुनाव करवाने और संसद के माध्यम से प्रधानमंत्री का चयन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है।
पदभार ग्रहण करने के बाद अपने पहले संबोधन में कार्की ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार सत्ता का आनंद लेने के लिए नहीं बल्कि देश को स्थिर करने, न्याय की मांगों को पूरा करने और छह महीने के भीतर चुनाव कराने के लिए है। उन्होंने कहा, “हम सत्ता का स्वाद लेने नहीं आए हैं। हमारी सरकार छह महीने से अधिक नहीं रुकेगी और नई संसद को जिम्मेदारी सौंपेगी।”
कार्की ने यह भी कहा कि सरकार मृतकों के परिवारों को उनके गृह जिलों तक शव पहुंचाने में मदद करेगी और विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई तोड़फोड़ और हिंसा की घटनाओं की जांच करेगी।
सुरक्षा बलों ने भारत-नेपाल सीमा पर विभिन्न चौकियों से नेपाल की जेलों से भागे 79 कैदियों को पकड़ा। इनमें दो नाइजीरियाई, एक ब्राजीलियाई और एक बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं, जिनकी उम्र 29 से 40 वर्ष के बीच है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। सूर्य बहादुर श्रेष्ठ ने कहा कि स्थिति सुधर रही है और चुनाव समय पर होंगे, जबकि सबिता सुरखेती ने बताया कि हालात अभी पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं और लोगों की आवाजाही कम हो गई है।