इजराइल के उत्तरी शहर हाइफा में गुरुवार को एक आतंकी हमला हुआ. इसमें एक वाहन ने सड़क पर चल रहे लोगों को रौंद दिया. इस घटना में कम से कम 13 लोग घायल हो गए, जिनमें एक 17 साल लड़की की हालत गंभीर बताई जा रही है. इजराइली पुलिस ने इस हमले को ‘संदिग्ध आतंकवादी हमला’ करार दिया है और बताया कि गाड़ी के ड्राइवर को कारकुर जंक्शन पर गिरफ्तार कर लिया गया. इस घटना के बाद इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
इजराइली पुलिस के अनुसार, कारकुर जंक्शन के हाइफा शहर के दक्षिण में है, वहां पर एक संदिग्ध वाहन को रोका गया और उसमें मौजूद व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया. इस घटना के पीछे आतंकवादी हमले की आशंका है जताई जा रही है. पुलिस ने एक आधिकारिक बयान में कहा, पुलिस और सुरक्षाबलों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए वाहन को रोकने के बाद संदिग्ध को हिरासत में ले लिया. इस बीच, इज़राइल की आपातकालीन सेवाओं ने घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया.
एक की हालत गंभीर
इजराइल के ‘मगेन डेविड एडोम’ (Magen David Adom) ने बताया कि मौके पर सात घायलों को फर्स्ट एड दिया गया, जिनमें से एक की हालत गंभीर थी. पैरामेडिक एवी कोहेन ने इस घटना को दर्दनाक बताते हुए कहा, ‘जब हम घटनास्थल पर पहुंचे, तो वहां घायलों की स्थिति बेहद गंभीर थी. वे सड़क पर पड़े थे और हमने तुरंत प्राथमिक उपचार देना शुरू किया, जिसमें खून रोकने और घावों पर पट्टी बांधने का काम शामिल था.’
फिलिस्तीनी नागरिक ने किया हमला
पुलिस ने हमले के आरोपी की पहचान 53 साल फिलिस्तीनी नागरिक के रूप में की है, जो वेस्ट बैंक के उत्तरी क्षेत्र का निवासी है. बताया जा रहा है कि वह इजराइल में रह रहा था और उसकी शादी एक इजराइली नागरिक से हुई थी. अधिकारियों ने इस हमले के पीछे किसी आतंकी संगठन के जुड़े होने की जांच शुरू कर दी है. यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब इजराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम लागू किया गया है, जिससे क्षेत्र में तनाव पहले से ही चरम पर है.
हमास इजराइल में सीजफायर
यह हमला उस समय हुआ जब इजराइल और हमास के बीच एक नाजुक सीजफायर की प्रक्रिया चल रही है. इस संघर्ष विराम के पहले चरण के तहत 33 इजराइली बंधकों को रिहा किया गया, बदले में इजराइल ने करीब 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा. इस दौरान लड़ाई को रोक दिया गया और इजराइली सैनिकों को गाजा के कुछ इलाकों से पीछे हटाया गया था. हालांकि, इस हमले के बाद क्षेत्र में अस्थिरता और बढ़ सकती है, जिससे शांति वार्ता प्रभावित हो सकती है.