बदलापुर कांड का दरिंदा मारा गया, पुलिस की रिवॉल्वर छीन की थी फायरिंग

महाराष्ट्र के बदलापुर में अगस्त महीने में हुए दुष्कर्म मामले में बड़ा अपडेट आया है। पुलिस हिरासत में आरोपी अक्षय शिंदे ने पुलिस की रिवॉल्वर छीनकर गोली चलाई। पुलिस की जवाबी फायरिंग में आरोपी घायल हो गया। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने बताया कि अस्पताल में अक्षय शिंदे ने दम तोड़ दिया। घटना में एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ है। 

दरअसल आरोपी अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से पुलिस एक मामले में हिरासत में लेकर जा रही थी। इस दौरान आरोपी अक्षय शिंदे ने गाड़ी में एक पुलिसकर्मी से रिवाल्वर छीन ली और पुलिसकर्मियों पर फायरिंग कर दी। इसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की ओर फायरिंग की गई। इसमें अक्षय शिंदे को गोली लग गई। इससे वह घायल हो गया। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां अक्षय शिंदे ने दम तोड़ दिया। 

बदलापुर में 14 अगस्त को एक बच्ची ने स्कूल से घर लौटने के बाद अपने माता-पिता से गुप्तांगों में दर्द की शिकायत की थी। बच्ची लगातार अपने माता-पिता से शिकायत करती रही तो माता-पिता को शक हुआ। उन्होंने लड़की से पूछताछ की तो घटना का पूरा सच पता चला। जब वह टॉयलेट गई तो पता चला कि अक्षय शिंदे नाम के 23 वर्षीय सफाईकर्मी ने उसके प्राइवेट पार्ट को छुआ था।

चिंतित माता-पिता ने उसी कक्षा की एक अन्य लड़की के माता-पिता से संपर्क किया तो उन्होंने भी कहा कि उनकी बेटी कुछ दिनों से स्कूल जाने से डर रही है। दोनों बच्चियों की हालत संदिग्ध होने पर माता-पिता ने तुरंत स्थानीय डॉक्टर से जांच कराया। उसमें बाद पता चला कि आरोपी ने बच्चियों के साथ बदसलूकी की थी। 

इसके बाद दोनों के परिजन ने 16-17 अगस्त की आधी रात करीब 12:30 बजे स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने गए। हालांकि, अभिभावकों का आरोप है कि तत्कालीन थाना प्रभारी शुभदा शितोले ने उनकी शिकायत दर्ज करने के बजाय उन्हें कुछ घंटों तक बैठाए रखा और कहा कि वे सभी घटनाओं की जांच कर रहे हैं। इस बीच, जिला महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने 17 अगस्त की सुबह पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया और सरकारी अस्पताल में लड़कियों की मेडिकल जांच कराई। कुछ ही देर में आरोपी की गिरफ्तारी कर ली गई।

मामला सामने आने के बाद मंगलवार को बदलापुर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ था। इस बीच शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। पुलिस ने बताया कि आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में 72 लोगों को गिरफ्तार किया गया। सरकार ने मामले की जांच के लिए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरती सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया था।

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