कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की कथित चुप्पी पर निशाना साधते हुए एक बार फिर सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी पहले से देना एक बड़ी लापरवाही नहीं, बल्कि एक गंभीर अपराध है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर एक वीडियो साझा करते हुए सवाल किया कि अगर पाकिस्तान को पहले से सूचना दी गई थी, तो कितने भारतीय विमान इसकी वजह से प्रभावित हुए? उन्होंने आरोप लगाया कि देश को सच्चाई जानने का पूरा हक है।
“सिंदूर का सौदा और प्रधानमंत्री की चुप्पी” — पवन खेड़ा
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री के बयान से साफ है कि पाकिस्तान को ऑपरेशन की जानकारी दी गई, जिसे सरकार “कूटनीति” बता रही है, लेकिन यह देशहित के खिलाफ है। खेड़ा ने कहा कि आतंकियों को समय रहते बच निकलने का मौका किसने दिया? क्या इसी सूचना लीक की वजह से आतंकी ठिकाने खाली कर दिए गए?
उन्होंने यह भी पूछा कि पहले भी जब मोरार जी देसाई ने पाक को परमाणु संयंत्र से जुड़ी जानकारी दी थी, तब भी राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचा था। उसी तरह आज भी सवाल उठते हैं कि कितने भारतीय एजेंट मारे गए?
सरकार का पलटवार: “तथ्य तोड़-मरोड़कर पेश किए गए”
सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर के बयान को गलत संदर्भ में लिया गया है। मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान को जो चेतावनी दी गई थी, वह ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत के बाद की स्थिति थी, न कि पहले की। मंत्रालय ने कहा कि तथ्यों को जानबूझकर तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है और वास्तविकता से भटका कर पेश किया गया है।