दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से करीब दो मीटर ऊपर बह रही है, जिससे नदी किनारे बसे इलाकों में जलभराव और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। कई कॉलोनियों में लोग नाव के सहारे अपने घरों से जरूरी सामान बाहर निकालने में लगे हैं। लाल किले के पीछे और मजनू के तिल से कश्मीरी गेट तक की सड़कें पानी में डूब चुकी हैं। घाटों पर पानी भरने के कारण कई रास्ते बंद कर दिए गए हैं।
निचले इलाकों में बाढ़ का पानी दिल्ली सचिवालय तक पहुँच गया है, जहां दीवारों से पानी रिस रहा है। MCD और PWD के कर्मचारी सैंड बैग लगाकर और पंप से पानी बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर बनी हुई है।
जलस्तर की बात करें तो 4 सितंबर की सुबह यमुना का जलस्तर पुराने रेलवे पुल पर 207.48 मीटर रिकॉर्ड किया गया। अधिकारियों के अनुसार, रात दो बजे से सुबह सात बजे तक जलस्तर स्थिर रहा।
भारी बारिश और जलभराव के कारण कई क्षेत्रों में समस्या बढ़ गई है। गीता कॉलोनी के शमशान घाट, वासुदेव घाट और कश्मीरी गेट के पास बाढ़ का पानी पहुंच गया है। ISBT कश्मीरी गेट पर भी बारिश का पानी जमा हो गया है।
सड़क और आवागमन पर असर:
- यमुना बाजार फ्लाईओवर अंडरपास बंद।
- ISBT के पास रिंग रोड पर जलभराव।
- राज निवास जाने वाला मार्ग बंद।
- रिंग रोड से गीता कॉलोनी जाने वाला अंडरपास बंद।
- वासुदेव घाट और CNG पंप के आसपास पानी जमा।
यमुना के बढ़ते जलस्तर और लगातार बारिश के कारण राजधानी में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है और अधिकारियों ने अलर्ट जारी किया है।