‘लोकतंत्र पर खतरा’: राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में पांच महीनों के भीतर 40 लाख नए मतदाता “रहस्यमयी तरीके” से जोड़े गए हैं। राहुल का आरोप है कि ये नाम लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच जोड़े गए, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करता है।

चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि वे पिछले कुछ समय से चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और अन्य राज्यों की मतदाता सूचियों में बड़ी संख्या में फर्जी या दोहराए गए नाम शामिल हैं। राहुल का कहना था कि लोकतंत्र के साथ धोखा किया जा रहा है और इस प्रक्रिया का लाभ सत्तारूढ़ दल को मिल रहा है।

“भाजपा के लिए की जा रही है वोटों की हेराफेरी”

राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए मतदाता सूचियों में हेराफेरी की गई। उन्होंने सवाल किया कि आयोग इस गंभीर मुद्दे पर जवाब क्यों नहीं दे रहा है। उन्होंने शाम 5 बजे के बाद मतदान प्रतिशत में असामान्य वृद्धि को भी संदिग्ध बताया।

महाराष्ट्र में मिलीभगत का आरोप

राहुल गांधी ने नवंबर 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर आरोप लगाया कि चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मिलीभगत से चुनावों में गड़बड़ी हुई। उन्होंने कहा कि मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट न देने और मतदाता आंकड़ों की गोपनीयता बनाए रखने की कोशिश से यह स्पष्ट होता है कि चुनाव आयोग जानबूझकर पारदर्शिता से बच रहा है।

“एक करोड़ नए मतदाता जुड़ गए, प्रक्रिया संदिग्ध”

उन्होंने दावा किया कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच राज्य में एक करोड़ नए मतदाता जोड़ दिए गए, जिससे संदेह और गहरा गया। राहुल का कहना था कि मतदाता सूची सार्वजनिक संपत्ति है, फिर भी चुनाव आयोग इसे साझा करने से इनकार कर रहा है।

“छह महीने में पकड़ पाए वोटों की चोरी”

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस को इन अनियमितताओं को समझने और प्रमाण जुटाने में छह महीने का समय लग गया। उन्होंने इस पर भी सवाल उठाया कि जब मतदाता सूचियों का इलेक्ट्रॉनिक डेटा मांगने पर आयोग मना करता है, तो इसका मतलब है कि वह विश्लेषण से बचना चाहता है।

कर्नाटक में भी वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का दावा

कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए राहुल ने कहा कि वहां 6.5 लाख मतदाताओं में से एक लाख से अधिक के नाम या तो फर्जी थे या अवैध पते वाले थे।

चुनाव आयोग पर ‘आपराधिक धोखाधड़ी’ का आरोप

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वह केंद्र सरकार के साथ मिलकर पूरे देश में ‘आपराधिक चुनावी धोखाधड़ी’ को अंजाम दे रहा है, जो संविधान के खिलाफ है।

“भाजपा पर सत्ता-विरोधी लहर का असर नहीं”

राहुल ने कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जिस पर सत्ता-विरोधी लहर का कोई असर नहीं होता। उन्होंने आरोप लगाया कि एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल एक रुझान दिखाते हैं, लेकिन चुनाव परिणाम उससे एकदम उलट आते हैं, जिससे शक और गहराता है।

40 हजार वोटर ऐसे जिनका कोई पता नहीं

उन्होंने कहा कि ऐसे हजारों वोटर सूची में शामिल हैं जिनका कोई वास्तविक पता नहीं है या जिनके फोटो पहचान योग्य नहीं हैं। राहुल ने कहा कि जब इन पतों पर जाकर जांच की गई तो वहां कोई नहीं मिला।

डाटा साझा न करने पर उठाए सवाल

राहुल ने बताया कि जब कांग्रेस ने मतदाता सूची का इलेक्ट्रॉनिक डेटा मांगा तो आयोग ने मना कर दिया और केवल स्कैन किए गए कागज़ दिए, जिन्हें मशीन से पढ़ा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर इलेक्ट्रॉनिक डेटा मिलता, तो विश्लेषण में 30 सेकंड लगते, लेकिन कागजों के ज़रिए इसमें छह महीने लग गए।

“2024 में भाजपा को 25 सीटें ‘चुराने’ की जरूरत थी”

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा को बहुमत बनाए रखने के लिए सिर्फ 25 सीटें जीतनी थीं और उसने 33 हजार से कम वोटों के अंतर से ये सीटें हासिल कीं। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और वोटर लिस्ट उनके लिए सबूत हैं, लेकिन आयोग इन्हें संरक्षित करने के बजाय नष्ट करने में लगा है।

“अब न्यायपालिका को करना चाहिए हस्तक्षेप”

राहुल ने अंत में कहा कि अब समय आ गया है कि न्यायपालिका इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करे, क्योंकि चुनाव आयोग की भूमिका लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी है।

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