केंद्र सरकार ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में तीन वकीलों को अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है। इस सूची में महाराष्ट्र भाजपा की पूर्व प्रवक्ता आरती अरुण साठे का नाम भी शामिल है। कानून मंत्रालय की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, अजीत भगवान राव कडेठंकर, सुशील मनोहर घोडेस्वर और आरती अरुण साठे को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। आरती साठे पहले महाराष्ट्र भाजपा की प्रवक्ता रह चुकी हैं और अब उन्हें न्यायपालिका में सेवा देने का अवसर मिला है।
अतिरिक्त जज की भूमिका:
अतिरिक्त न्यायाधीश की नियुक्ति आमतौर पर दो साल के लिए की जाती है, जिसमें उनके कार्य और योग्यता का मूल्यांकन किया जाता है। यदि प्रदर्शन संतोषजनक रहता है, तो उन्हें स्थायी जज के पद पर पदोन्नत किया जा सकता है। इन नियुक्तियों से बॉम्बे हाईकोर्ट में लंबित मामलों के निपटारे में तेजी आने की संभावना है।
आरती अरुण साठे कौन हैं?
आरती साठे बॉम्बे हाईकोर्ट में अधिवक्ता रही हैं। फरवरी 2023 में उन्हें महाराष्ट्र भाजपा का प्रवक्ता नियुक्त किया गया था और उससे पहले मुंबई भाजपा की कानूनी सेल की प्रमुख भी रहीं। जनवरी 2024 में उन्होंने निजी और पेशेवर कारणों का हवाला देते हुए प्रवक्ता पद और पार्टी सदस्यता दोनों से इस्तीफा दे दिया था।
उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 28 जुलाई को सिफारिश की थी, जिसमें उनके साथ अजीत भगवान राव कडेठंकर और सुशील मनोहर घोडेस्वर को भी बॉम्बे हाईकोर्ट का अतिरिक्त जज नियुक्त करने का प्रस्ताव शामिल था।
राज्य में उठे सवाल:
आरती अरुण साठे की नियुक्ति पर राज्य में विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं। एनसीपी के विधायक रोहित पवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक स्क्रीनशॉट साझा करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी की पूर्व प्रवक्ता की न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति निष्पक्षता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न लगाती है।