केंद्र सरकार ने देश के पूर्वोत्तर राज्यों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए बड़ा आदेश जारी किया है। गृह मंत्रालय ने मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (AFSPA) की अवधि छह महीने के लिए बढ़ा दी है।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, मणिपुर में पांच जिलों के 13 पुलिस थानों को छोड़कर पूरे राज्य को अफस्पा के तहत अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है। वहीं नागालैंड के नौ जिलों और 21 पुलिस थानों तथा अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों और चार पुलिस थानों को छह महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है। यह आदेश 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा।
अफस्पा के तहत घोषित क्षेत्रों में सशस्त्र बलों को तलाशी, गिरफ्तारी और आवश्यकता पड़ने पर गोली चलाने का अधिकार प्राप्त होगा। मणिपुर में जिन क्षेत्रों में अफस्पा लागू नहीं होगा, उनमें इंफाल, लंफाल, सिटी, सिंगजामेई, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हेइंगंग, इरिलबुंग, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग शामिल हैं।
मणिपुर में यह कदम उस समय आया है जब राज्य में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है। भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने जातीय हिंसा के बाद 9 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। मई 2023 से शुरू हुई हिंसा में 260 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। राज्य में अफस्पा का इतिहास लंबा है और यह 2004 से 2022 के प्रारंभ तक लागू रहा था।