वायु सेना ने 72 वर्ष बाद बदला अपना झंडा, नए झंडे में यह हुआ है बदलाव

भारतीय वायु सेना ने 72 वर्ष के बाद अपने झंडे में बदलाव किया है। प्रयागराज के बमरौली मध्य वायु कमान मुख्यालय पर वायु सेना दिवस पर इसका अनावरण किया। वायु सेना की स्थापना आठ अक्तूबर 1932 को गई थी। 72 वर्ष के बाद वायु सेना ने अपने झंडे में परिवर्तन किया है। पहले इसे रॉयल फोर्स के नाम से जाना जाता था। इसके बाद रॉयल इंडियन एयफोर्स नामकरण किया गया। देश की आजादी के बाद 1950 में रॉयल शब्द हटाकर इंडियन एयर फोर्स नाम दिया गया और झंडा भी बदला गया।

नौसेना के बाद अब वायुसेना को भी नया ध्वज मिल गया है। प्रयागराज में वायुसेना के 91वें स्थापना दिवस पर नए ध्वज का अनावरण वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने किया। यहां मध्य वायु कमान मुख्यालय बमरौली में आयोजित वायुसेना की परेड के बाद वायुसेना के नए ध्वज का अनावरण होगा।वायुसेना के ध्वज का अनावरण चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान की मौजूदगी में हुआ। वायुसेना के मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने के लिए नया एलएएफ ध्वज बनाया गया है। 

रविवार को नए ध्वज को सबसे पहले चार वायु योद्धाओं द्वारा एक चलित मंच पर स्थापित करके वायुसेना प्रमुख के सामने लाया गया। उसके बाद वायु सेना प्रमुख नए ध्वज का अनावरण किया। वहीं, उनके सामने दो ड्रोन पर्दे की दीवार के पीछे से एक बड़ी पताका उठाई गई। जिसे परेड की पृष्ठभूमि के रूप में रखा गया है। इसके बाद ध्वज स्तंभ पर नई पताका फहराई गई। वहां से पुराना संस्करण हटा दिया गया। इसे पूरे सम्मान के साथ मोड़कर वायुसेना प्रमुख को सौंपा गया और बाद में वायुसेना संग्रहालय में प्रदर्शनी के तौर पर शामिल किया जाएगा। इस दौरान वायु सेना का विमान एमआई-17वी5 वायुसेना के नए ध्वज के साथ नीची उड़ान भरी। 

झंडे के ऊपरी हिस्से में दाएं कोने पर किया गया है बदलाव
 

वायुसेना का वर्तमान ध्वज नीले रंग का है। इसमें पहले चतुर्थांश में राष्ट्रीय ध्वज है और केंद्र में राष्ट्रीय ध्वज के रंगों, यानी केसरिया, सफेद और हरे रंग से बना एक गोलाकार घेरा है। इस पताका को 1951 में अपनाया गया था। एयरफोर्स की तरफ से जारी बयान में कहा गया, वायु सेना के मूल्यों को बेहतर ढंग से दिखाने के लिए अब एक नया ध्वज बनाया गया है। झंडे के ऊपरी हिस्से में दाएं कोने पर बदलाव किया गया है। फ्लाई साइड की ओर वायुसेना क्रेस्ट को शामिल किया जाएगा।
 

वर्तमान ध्वज में अशोक स्तंभ के शेर और उसके नीचे देवनागरी में ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है। ऐतिहासिक अशोक स्तंभ भारत का राजचिह्न भी है। नीचे एक हिमालयी ईगल है, जिसके पंख फैले हुए हैं, जो भारतीय वायुसेना के लड़ने के गुणों को दर्शाता है। हल्के नीले रंग के घेरे में हिमालयी ईगल को घेरे हुए है, जिस पर लिखा है ‘भारतीय वायुसेना’। भारतीय वायुसेना के आदर्श वाक्य संस्कृत में ””””नभः स्पृशं दीप्तम्”””” है। हिंदी में इसका अर्थ है ””””जीत के साथ आकाश को छुओ।”””” यह आदर्श वाक्य श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 11 के श्लोक 24 से लिया गया है और इसका अर्थ है। ‘उज्ज्वल तू स्वर्ग को छूएगा’ या दूसरे शब्दों में ‘महिमा के साथ आकाश को छूना’

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