न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को लेकर अपना रुख बदला है। उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात के बाद कहा कि यूरोपीय संघ, नाटो और वित्तीय सहयोग के दम पर यूक्रेन रूस से अपना पूरा खोया हुआ इलाका वापस ले सकता है। यह बयान उनके पूर्व रुख से अलग है, जब वे युद्ध समाप्त करने के लिए कीव को समझौते की सलाह देते रहे थे।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यूक्रेन अपने मूल सीमाओं तक लौट सकता है। हालांकि उन्होंने अमेरिका की ओर से नए हथियार भेजने का जिक्र नहीं किया, बल्कि सुझाव दिया कि नाटो देश अमेरिकी हथियार खरीदकर यूक्रेन को मुहैया कराएं।
जेलेंस्की से मुलाकात और रूस पर निशाना
ट्रंप और जेलेंस्की की मुलाकात गर्मजोशी भरी रही, जबकि अतीत में दोनों के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। जेलेंस्की ने अतिरिक्त अमेरिकी मदद की मांग की और सुरक्षा गारंटी पर चर्चा की। ट्रंप ने रूस को “कागजी शेर” बताते हुए कहा कि तीन साल से अधिक समय से जारी युद्ध ने उसकी कमजोरी उजागर कर दी है। उनका कहना था कि रूस की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है और यदि यूरोप रूसी तेल-गैस आयात बंद कर दे तो युद्ध जल्द खत्म हो सकता है।
कड़े टैरिफ से युद्ध थमने की उम्मीद
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा कि रूस पर कड़े टैरिफ और नए प्रतिबंध रक्तपात को रोक सकते हैं। यूरोपीय संघ ने ऊर्जा आयात घटाने और नए प्रतिबंधों का आश्वासन दिया। ट्रंप ने संकेत दिया कि यदि रूसी लड़ाकू विमान नाटो सीमा का उल्लंघन करते हैं तो अमेरिका अपने सहयोगियों को समर्थन देगा, हालांकि सीधा हस्तक्षेप परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।
“युद्ध छोटा होना चाहिए था”
महासभा को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि यह संघर्ष रूस की कमजोरी उजागर कर रहा है और इसे लंबे समय से खींचा जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि “अब कितनी और जानें बेवजह दोनों ओर से जाएंगी?”
मैक्रों से भी चर्चा
ट्रंप ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी इस विषय पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि अतीत में मैक्रों ने कई संघर्षों को सुलझाने में मदद की है, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध अब तक अनसुलझा है। ट्रंप का मानना है कि पुतिन से उनके पुराने रिश्ते काम आएंगे, मगर यह उम्मीद बेकार साबित हुई।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
यूएन के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में यूक्रेन में नागरिक हताहतों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 40 प्रतिशत बढ़ गई है। रूस द्वारा मिसाइल और ड्रोन हमलों में इजाफा इसकी मुख्य वजह बताई जा रही है। इस बीच, ट्रंप की शांति वार्ता की कोशिशें ठप पड़ी हैं क्योंकि रूस वार्ता को लेकर इच्छुक नहीं है।