देश में वैचारिक संघर्ष के माहौल के बीच कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने असम के चायगांव में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश में दो तरह की विचारधाराएं आमने-सामने हैं — एक जो समाज में भय और नफरत फैलाने का काम करती है, और दूसरी जो सत्य, शांति और अहिंसा को आधार बनाकर एकजुटता की बात करती है।
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कांग्रेस को ऐसी पार्टी बताया जो सभी वर्गों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को ‘शेर और शेरनियां’ बताते हुए कहा कि वे ही पार्टी की असली ताकत हैं और उनकी निडरता कांग्रेस की पहचान है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि असम में पार्टी मजबूत वापसी करेगी।
कांग्रेस की विचारधारा बनाम विभाजन की राजनीति
अपने भाषण में राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस की विचारधारा को “बांटने वाली” बताते हुए कहा कि देश की आत्मा को बचाने के लिए लड़ाई अब जरूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का उद्देश्य देश के हर नागरिक को जोड़ना है, जबकि भाजपा और संघ सामाजिक ध्रुवीकरण के जरिए सत्ता में बने रहना चाहते हैं।
असम में जीत का भरोसा और नई टीम की बात
राहुल ने असम में कांग्रेस की तैयारी पर आत्मविश्वास जताते हुए कहा कि एक नई टीम के साथ जमीनी काम शुरू हो चुका है, और जनता जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम देखेगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे लोगों से सीधे संवाद करें और कांग्रेस की सोच को घर-घर पहुंचाएं।
मुख्यमंत्री सरमा पर सीधा हमला
राहुल गांधी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह खुद को “राजा” समझने लगे हैं, लेकिन राज्य की जनता जल्द ही उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों पर जवाबदेह बनाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता डटकर मुकाबला करेंगे और सरकार को घेरने से पीछे नहीं हटेंगे।
खरगे ने कहा- भाजपा ने कांग्रेस से उधार लिया मुख्यमंत्री
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी असम में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सरमा और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को असम में सत्ता तभी मिली जब उन्होंने कांग्रेस से एक नेता लेकर मुख्यमंत्री बना दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार राज्य को डरा-धमका कर चला रही है, और अब समय है कि जनता इनके खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाए।