जम्मू कश्मीर के अनंतनाग के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का सोमवार दो और नए वीडियो सामने आए हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। वीडियो में आतंकवादी गोली मारते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में गोलियां चलने की आवाज सुनाई दे रही है वहीं स्थानीय लोग पर्यटकों की मदद करते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरे वीडियो में एक पर्यटक जिप लाइन पर लटते हुए अपना वीडियो बना रहा है, जिसमें दिखाई दे रहा है कि आतंकी लोगों को गोली मार रहे हैं और जिन्हें गोली लग रही है वो नीचे गिरते जाते हैं। हालांकि पहले तो इस पर्यटक को कुछ समझ नहीं आता है कि आखिर नीचे हो गया रहा है, लेकिन जब कुछ दूर जाने के मंजर दिखाई देता है तो उसके चेहरे पर बदले भाव साफ नजर आ रहे हैं। वीडियो में लोग इधर-उधर भागते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो 22 अप्रैल का है।

कपड़े की दुकान की आड़ में छिपाकर बचाई पर्यटकों की जान
वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एक लड़का गुलाब रंग की टी-शर्ट में नजर आ रहा है और उसके हाथ में एक डंडा है। इससे पता चलता है कि वह खच्चर चलाने वाला रहा होगा। जिस वक्त आतंकी लोगों को गोली मार रहे थे उस वक्त इन लोगों पर्यटकों को इसकी आड़ में पनाह देकर जान बचाई। बता दें कि जंगल की तरफ से आतंकी आते हैं और उसके बाद गोली बरसाना शुरू कर देते हैं। गोलीबारी होते ही मैदान में लोग इधर-उधर दौड़ने लगते हैं। जान बचाने के लिए लोग छिपने लगते हैं।

जिप लाइन झूले पर आनंद लेते पर्यटक के कैमरे में कैद हुईं मौतें
वीडियो की शुरुआत में एक स्थानीय युवक को जिप लाइन झूले पर बैठाकर उसे धक्का देता हुआ नजर आ रहा है। स्थानीय ऐसा करने से पहले अल्लाह हू अकबर…अल्लाह हू अकबर कहता है और पर्यटक को आगे की तरफ छोड़ देता है। इस दौरान गोलियों की आवाज सुनाई दे रही है। यह पूरा वाकया पर्यटक के कैमरे में कैद है। वह जिप लाइन में बायसरन मैदान के एक छोर से दूसरे छोर की तरफ बढ़ रहा है और इस दौरान वह वीडियो बना रहा है। वीडियो के बैकग्राउंड में कुछ लोग भागते हुए नजर आ रहे हैं और कुछ गिरते हुए।

बिखरी टोपियां, किचड़ में फंसे जूते
इससे पहले भी, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के सोशल मीडिया पर तस्वीर और वीडियो वायरल हुए थे। घटनास्थल बायसराना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रही हैं, पहले वायरल हुई वीडियो और तस्वीरों में दर्द की कहानी है। 22 अप्रैल को सामने आईं कुछ तस्वीरों में घटनास्थल के आसपास बिखरी हुई टोपियां और कीचड़ में फंसे जूते दिखाई दे रहे थे।

200 मीटर दूर मिले तबाही के निशान
ये निशान उस जगह से करीब 200 मीटर दूर मिले थे, जहां हमला किया हुआ था। जूते-चप्पलों का कीचड़ में धंसना और पथरीले रास्तों पर पड़ी टोपियां इस ओर इशारा करती हैं कि गोलियों की आवाज सुनते ही पर्यटक अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे होंगे।

पांच से सात थे दहशतगर्द
जानकारी के अनुसार, पहलगाम के बायसरन में हुए हमले में पांच से सात आतंकवादियों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, इन आतंकियों ने पाकिस्तान में प्रशिक्षण हासिल किया। इन्हें दो स्थानीय आतंकवादियों से भी मदद मिली।

26 पर्यटकों की नृशंस हत्या
पहलगाम में मंगलवार 22 अप्रैल को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी थी। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी। 26 मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं, जबकि दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं।

टीआरएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी
तीन जुलाई से शुरू होने जा रही श्रीअमरनाथ यात्रा से पहले इस कायराना हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा से जुड़े गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। फरवरी, 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है। उस हमले में सीआरपीएफ के 47 जवान मारे गए थे।