विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को बड़ा झटका लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गया दौरे के दौरान नवादा की विधायक विभा देवी और रजौली के विधायक प्रकाश वीर पीएम मोदी के मंच पर दिखाई दिए। इसके बाद सियासी गलियारे में हलचल मच गई। बताया जा रहा है कि दोनों विधायक जल्द ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का दामन थामने वाले हैं। दोनों को विशेष तौर पर पीएम मोदी के मंच पर बुलाया गया था, हालांकि जदयू की ओर से औपचारिक घोषणा अभी नहीं की गई है।
पार्टी में असंतोष और व्यक्तिगत वजहें
सूत्रों के मुताबिक, पूर्व राज्य मंत्री राजबल्लभ प्रसाद यादव की पत्नी विभा देवी लंबे समय से राजद से नाराज थीं। वहीं, प्रकाश वीर भी पार्टी में अनदेखी से असंतुष्ट बताए जा रहे हैं। हाल ही में दोनों ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और अन्य राजद नेताओं पर कई आरोप लगाए थे।
विभा देवी ने प्रेस वार्ता में कहा था कि उनके जेठ कृष्णा प्रसाद, स्व. जेहल प्रसाद या जेल में बंद राजबल्लभ प्रसाद ने कभी वोट का सौदा नहीं किया। उन्होंने कहा, “यह नवादा है, राघोपुर नहीं, जहां एक दिन में करोड़ों रुपये बांटे जाते हैं। हमें सैकड़ों परिवारों से जुड़ाव है और हर बात की जानकारी है।”
परिवार की छवि को बदनाम करने का आरोप
विभा देवी ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव और उनके कुछ करीबी नेताओं ने उनके और उनके परिवार पर झूठे आरोप लगाए हैं और उनकी प्रतिष्ठित छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि वह राजनीति में अपना सम्मान बेचकर नहीं आई हैं, न ही उन्होंने कभी घूस ली या भ्रष्टाचार किया। विभा देवी ने बताया कि जब सरकार बनाने-बिगाड़ने का खेल चल रहा था, तब तेजस्वी के कुछ करीबी नेताओं ने उनसे भारी धनराशि की मांग की, जिसे वह पूरा नहीं कर सकीं। इसके बावजूद उन्होंने और प्रकाश वीर ने पार्टी नहीं छोड़ी।
विभा देवी ने कहा, “यही मेरी गलती थी कि मैंने तेजस्वी को गलत काम के लिए पैसा नहीं दिया। बावजूद इसके हम पर पाला बदलने का प्रलोभन डाला गया।”