नई दिल्ली: आज के समय में आधार कार्ड हर भारतीय के लिए जरूरी पहचान बन चुका है। चाहे बैंकिंग सेवाएँ हों, मोबाइल सिम लेना हो, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना हो या स्कूल-कॉलेज में दाखिला, हर जगह आधार कार्ड आवश्यक है। इसे यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) जारी करती है और इसके पालन के लिए कुछ सख्त नियम बनाए गए हैं।
UIDAI के अनुसार, आधार बनवाते समय गलत जानकारी देना अपराध है। ऐसा करने पर तीन साल तक की जेल या 10,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है। इसी तरह किसी अन्य व्यक्ति के आधार में बदलाव करना या पहचान में छेड़छाड़ करना भी कानून के खिलाफ है।
आधार डेटा का लीक करना या बिना अनुमति निजी जानकारी इकट्ठा करना भी अपराध माना जाता है। इसके लिए तीन साल तक की जेल और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। कंपनियों के लिए यह जुर्माना 1 लाख रुपये तक हो सकता है।
सबसे गंभीर अपराध माना जाता है आधार केंद्र में डेटा चोरी या हैकिंग करना। इसके लिए दस साल तक की जेल और 10,000 रुपये से 10 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
UIDAI ने सभी नागरिकों से अपील की है कि आधार संबंधी प्रक्रियाओं में पूरी ईमानदारी बरतें और किसी अन्य व्यक्ति की जानकारी का दुरुपयोग न करें।