यूपी: अब गांवों में मकान बनाने को मिलेगा लोन, ‘घरौनी कानून’ को हरी झंडी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण आबादी को बड़ी राहत देने जा रही है। राज्य के गांवों में अविवादित आबादी भूमि पर मकान बनाने के इच्छुक लोगों को अब बैंक से लोन मिल सकेगा। इसके लिए सरकार ‘घरौनी कानून’ का प्रस्ताव तैयार कर चुकी है, जिसे संबंधित विभागों की स्वीकृति मिल गई है। अब इसे अंतिम रूप देने के लिए कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।

इस कानून के तहत, जिन जमीनों पर कोई विवाद नहीं होगा, वहां लेखपाल द्वारा मौके की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद कानूनगो के हस्ताक्षर से राजस्व अभिलेखों में भू-स्वामित्व दर्ज किया जाएगा। उत्तराधिकार, बैनामा, गिफ्ट डीड, न्यायिक डिक्री, सरकारी नीलामी, भूमि अधिग्रहण जैसे कानूनी आधारों पर भी मालिकाना हक दर्ज करने की अनुमति होगी।

वहीं, जमीन के विभाजन या उत्तराधिकार के मामले में कानूनगो को नाम चढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। यदि स्वामित्व को लेकर कोई मामला विवादित होता है, तो तहसील स्तर पर लेखपाल, कानूनगो और तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम अंतिम निर्णय देंगे। यदि एसडीएम जमीन को विवादित घोषित करता है, तो फिर मामला राजस्व विभाग में नहीं सुना जाएगा और इसका निपटारा सिविल कोर्ट में होगा।

यह प्रस्तावित कानून मौजूदा शासनादेश के स्थान पर लागू होगा, क्योंकि अब तक तैयार की गई घरौनी को न्यायालयों में पूर्ण रूप से वैध दस्तावेज नहीं माना जाता था। नए कानून के माध्यम से ग्रामीण आबादी को उनके घर और भूमि पर कानूनी हक मिलेगा, जिससे बैंक से लोन लेने में आसानी होगी।

सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित कानून को जल्द ही कैबिनेट में मंजूरी के लिए रखा जाएगा, जिसके बाद इसे विधानमंडल के मानसून सत्र में पारित किए जाने की संभावना है।

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