वोडाफोन आइडिया के निवेशकों के लिए गुरुवार का दिन खास रहा। कंपनी के शेयर में बीएसई पर 11.13% की तेजी दर्ज की गई और यह 7.29 रुपये के उच्च स्तर तक पहुंच गया। यह उछाल उस खबर के बाद आया, जिसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री कार्यालय कंपनी की कमजोर वित्तीय हालत को देखते हुए एक बड़े राहत पैकेज पर विचार कर सकता है।
लंबे समय से संकट में फंसी वोडाफोन आइडिया पर एजीआर से जुड़ा लगभग 83,400 करोड़ रुपये का बकाया है। जुर्माना और ब्याज जोड़ने के बाद यह राशि करीब 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। मार्च 2025 से कंपनी को हर साल लगभग 18,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा, जो मौजूदा स्थिति में चुनौतीपूर्ण है।
राहत पैकेज पर विचार
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, दूरसंचार विभाग (DoT) ने प्रधानमंत्री कार्यालय को एक अनौपचारिक पत्र भेजा है। इसमें वोडाफोन आइडिया को राहत देने के विकल्प सुझाए गए हैं, जिनमें एजीआर भुगतान पर मौजूदा मोहलत को दो साल और बढ़ाना, पुनर्भुगतान की शर्तों को आसान बनाना और जुर्माना व ब्याज में छूट शामिल है। यदि ये प्रस्ताव स्वीकार हो जाते हैं, तो कंपनी को बड़ी राहत मिल सकती है।
क्यों जरूरी है मदद?
कंपनी के सीईओ अक्षय मूंदड़ा पहले ही साफ कर चुके हैं कि वोडाफोन आइडिया की वित्तीय हालत बेहद नाजुक है और इसके अस्तित्व के लिए सरकारी सहयोग अनिवार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी नेटवर्क विस्तार के लिए वैकल्पिक फंडिंग विकल्पों की तलाश कर रही है, क्योंकि पारंपरिक बैंकिंग चैनल इस समय मददगार नहीं हैं।