वक्फ कानून सामाजिक समानता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वक्फ संशोधन कानून की अहमियत बताई। उन्होंने कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम सामाजिक न्याय की दिशा में उनकी सरकार का बड़ा कदम है। 2013 में पिछला कानून भू-माफिया और मुस्लिम कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए बनाया गया था। एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद में इस मुद्दे पर बहस में तुष्टिकरण की राजनीति की झलक देखने को मिली।  

विपक्ष को घेरते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 1947 में देश के विभाजन के पीछे भी यही रवैया था। जब कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कट्टरपंथी विचार को बढ़ावा दिया। जबकि आम मुसलमान इस पर सहमत नहीं थे। आम मुसलमानों और उनके बीच गरीब, पिछड़े लोगों को केवल उपेक्षा, शिक्षा का अभाव और बेरोजगारी ही मिली, जबकि कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए महिलाओं के सांविधानिक अधिकारों की बलि दी गई।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2013 में बनाए गए वक्फ कानून से यह भ्रम पैदा हुआ कि यह अधिनियम संविधान से ऊपर है। यह कानून न्याय के लिए था, लेकिन यह डर का स्रोत बन गया। संशोधित कानून समाज और मुस्लिम समुदाय के हित में है। उन्होंने संसद को इस शानदार कानून को लागू करने के लिए बधाई दी और कहा कि संसदीय इतिहास में दूसरी सबसे लंबी बहस हुई।

भारत न तो झुकने वाला और न ही रुकने वाला: पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने इस साल के पहले 100 दिनों में अपनी नीतियों के साथ संभावनाओं के नए द्वार खोले हैं। भारत अब न तो झुकने वाला है और न ही रुकने वाला है। तेज विकास के लिए शांति, स्थिरता और सुरक्षा बहुत जरूरी है। सरकार ने आतंकवाद और नक्सलवाद पर लगाम लगाई है।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और संवेदनशीलता दिखाई है। 2025 में 100 दिन एक या दो दिन में खत्म हो जाएंगे। जो लोग सोचते थे कि भारत धीमी और स्थिर गति से चलेगा, वे तेज और निडर भारत को देख रहे हैं। इन 100 दिनों में उनकी सरकार की ओर से लिए गए फैसलों में युवाओं की आकांक्षाएं प्रतिबिंबित होती हैं, जिसने भविष्य के लिए मजबूत नींव भी रखी है। 

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