पंजाब के 71 वर्षीय बुजुर्ग किसान गुरदेव सिंह ने कहा-
गांव से इस आंदोलन के लिए निकलने के दौरान उनके बेटे के शब्द आज भी उनके कानों में गूंजते रहते हैं कि ‘हमारी इस लड़ाई में जीत के बाद ही घर आना.’ उन्होंने कहा कि ये शब्द ही उन्हें आंदोलन के लिए डटे रहने की मजबूती देते हैं. कुछ दिन पहले ही गुरदेव के घुटनों का ऑपरेशन भी हुआ है और वह अभी इससे उबर ही रहे हैं. जालंधर जिले के नूरपुर गांव के रहने वाले गुरदेव की तरह तमाम ऐसे बुजुर्ग किसान हैं जो केंद्र के नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले 13 दिनों से सिंघू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं.
आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री-
अरविंद केजरीवाल के आवागमन पर अब भी ‘प्रतिबंध’ है और उनके आवास का मुख्य द्वार बंद रखा गया है। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस आरोप को खारिज किया है. आप ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल को शहर की सिंघू सीमा पर केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे किसानों से मुलाकात के बाद नजरबंद कर दिया. आप ने फिर से दावा किया है कि ऐसा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर किया जा रहा है. हालांकि दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस दावे को ‘पूरी तरह निराधार’ बताया है. ‘आप’ के प्रवक्ता राघव चड्ढ़ा ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री के आवास के चारों ओर ‘अघोषित आपातकाल’ का माहौल है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा
पिछली कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल में विकास योजनाओं का 90 प्रतिशत धन हड़प जाने वाले ‘दलालों’ को अब किसानों की खुशहाली रास नहीं आ रही है और वे सरकार को बदनाम करने के लिये तरह-तरह के षड्यंत्र रच रहे हैं. योगी ने मुंडेरवा और पिपराइच चीनी मिल के सल्फरलेस प्लांट का लोकार्पण करने के बाद अपने सम्बोधन में कहा, ‘हर साल किसानों को 6,000 रुपये ‘किसान सम्मान निधि’ दी जा रही है. आज एक क्लिक दबाने पर पैसा किसान के खाते में चला जाता है. पहले कांग्रेस के समय में होता यह था कि दिल्ली से 100 रुपये भेजे जाते थे लेकिन किसान-मजदूर तक 10 रुपये ही पहुंचते थे. बाकी के 90 रुपये बीच में दलाल खा जाते थे.’
किसान नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस
किसानों ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें किसान नेताओं ने बताया कि
– 14 दिसंबर को सभी जिलों में धरना होगा.
– दिल्ली के सभी नेशनल हाईवे 12 तारीख तक रोक दिए जाएंगे.
-देश भर में बीजेपी के नेताओं का घेराव होगा.
– जियो सिम से लेकर रिलायंस के सभी प्रोडक्ट का करेंगे बहिष्कार.
– किसान नेताओं ने कहा, “हमने अमित शाह जी को साफ कहा था कि पांच राउंड की चर्चा के बाद हम अब चर्चा के लिए तैयार नहीं है.” हमने उन्हें कह दिया था तीनों कृषि कानून पूर्ण रूप से रद्द हों.
– 14 तारीख को पूरे देश मे धरने दिए जायंगे.
– 12 तारीख को टोल प्लाजा पूरे देश मे फ्री करेंगे.
– 12 तारीख तक जयपुर हाइवे भी बंद कर देंगे.
– दिल्ली-जयपुर-आगरा एक्सप्रेसवे भी 12 दिसंबर को बंद किया जाएगा.
– राजस्थान, हरियाणा, उत्तर-प्रदेश और मध्य प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा लोगों को दिल्ली बुलाया जाएगा.
दिल्ली पर दबाव बढ़ाएंगे राजस्थान के किसान, NH-8 जाम करने की बन रही रणनीति

किसानों ने सरकारी सुविधाओं के इस्तेमाल से किया इनकार
दिल्ली: बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में इकट्ठा हुए किसानों ने सरकारी सुविधाओं के इस्तेमाल से इनकार कर दिया है. एक किसान नेता कहते हैं, “एक संघर्ष हमेशा लोगों की अपनी क्षमताओं के आधार पर होता है. हम सहानुभूति रखने वालों से मदद लेते हैं, लेकिन सरकारों से नहीं. वे केवल वोट हासिल करने के लिए काम करते हैं.”
क्या बोले किसान नेता?
किसान नेता डॉक्टर दर्शनपाल ने कहा, “12 तारीख और 14 तारीख को सभी टोल खोले जाएंगे. दिल्ली आने वाले सभी हाईवे ब्लॉक किए जाएंगे, अंबानी और अडानी के प्रोडक्ट का बहिष्कार करेंगे. हमने सरकार के प्रस्ताव को खारिज किया. तीनों कृषि कानून वापस होने चाहिए.भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, “प्रस्ताव में कुछ खास नहीं है. हम लोगों ने एक साथ यह फैसला लिया है कि अब यह आंदोलन गांव-गांव तक जाएगा. हमारे बीच मे कोई मतभेद नहीं है.”किसान नेता प्रहलाद सिंह ने कहा, “सरकार का प्रपोजल गोल-मोल है, जो हमें मंजूर नहीं है. अब 12 तारीख से ये आंदोलन और तेज होगा. 14 तक तमाम बीजेपी नेताओं का घेराव भी किसान करेंगे. अब हम पीछे नहीं हटने वाले. हमारे और किसान भाई 12 तारीख तक दिल्ली के लिए अलग-अलग राज्यों से कूच कर चुके हैं. दिल्ली पूरी घेरी जाएगी.”
जिस तरह से कृषि विधेयक पारित किए गए-
हमें लगता है कि यह किसानों का अपमान है, इसलिए वे ठंड के मौसम में भी प्रदर्शन कर रहे हैं: राहुल गांधी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के बाद विपक्षी नेताओं ने कहा-
सरकार किसानों की बातें समझे. उनकी परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द करे.
आगरा-दिल्ली एक्सप्रेस-वे को 12 दिसंबर को बंद किया जाएगा-
उस दिन देश के किसी भी टोल प्लाजा पर कोई कर नहीं दिया जाएगा: किसान नेता दर्शन पाल
राष्ट्रपति के साथ विपक्ष की बैठक के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा-
कि कृषि बिलों की गहन चर्चा के लिए सभी विपक्षी दलों ने एक अनुरोध किया था और कहा था कि इसे सलेक्ट कमेटी को भेजा जाना चाहिए. लेकिन दुर्भाग्य से इस सुझाव को स्वीकार नहीं किया गया और बिलों को जल्दबाजी में पारित कर दिया गया.
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद सीताराम येचुरी ने कहा-
कि हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया है.
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा-
हमने राष्ट्रपति को सूचित किया कि इन किसान विरोधी कानूनों को वापस लेना एकदम महत्वपूर्ण है.
कृषि कानूनों को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने से पहले सीताराम-
येचुरी ने कहा कि 25 से अधिक विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के प्रति अपना समर्थन दिया है. ये कानून भारत के हित में नहीं हैं और इससे हमारी खाद्य सुरक्षा को भी खतरा है.
किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है-
इस बीच देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर पहुंच गए हैं.
किसान संगठन अब दिल्ली में दाखिल नहीं होंगे-
वह उत्तर प्रदेश और राजस्थान को दिल्ली से जोड़ने वाले हाईवे को बंद करेंगे
योगेंद्र यादव का कहना है कि अपने आंदोलन को तेज करेंगे-
एक दिन के लिए टोल फ्री करेंगे. सिंघू (दिल्ली-हरियाणा सीमा) पर किसान नेता ने कहा कि हम 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर राजमार्ग अवरुद्ध करेंगे.
किसान नेताओं ने मीडिया से बातचीत-
में कहा कि किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. अगर सरकार दोबारा प्रपोजल भेजती है तो उसके बारे में विचार करेंगे. पूरे देश में एक दिन का जिला हेडक्वार्टर पर मोर्चा लगेगा.
किसानों के मुद्दे पर राष्ट्रपति नामनाथ कोविंद से मिलने-
विपक्ष के नेता पहुंचे हैं. इसमें डी राजा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, शरद पवार और सीताराम येचुरी समेत कई नेता शामिल हैं.
अब किसानों ने अपना आंदोलन तेज करने की तैयारी कर ली है.
आंदोलनकारी किसान दिल्ली की नाकेबंदी करेंगे. साथ ही वह हाईवे ठप करने की भी तैयारी कर रहे हैं.
कृषि कानूनों पर किसानों के विरोध-प्रदर्शन-
विरोध-प्रदर्शन को लेकर सीताराम येचुरी और शरद पवार राष्ट्रपति भवन पहुंचे. वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा-
अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के हक में सही फैसला करते तो किसानों को आंदोलन नहीं करना पड़ता. उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और कहा कि उन्हें किसानों से संवाद कर उनकी समस्याओं का हल निकालना चाहिए. गहलोत ने यहां एक बयान में कहा, ‘किसानों के मुद्दे पर मोदी जी ने चुप्पी साध ली है, अगर वह किसानों के हक में सही निर्णय लेते तो उन्हें आंदोलन नहीं करना पड़ता.’
केन्द्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का चिल्ला बॉर्डर पर धरना -प्रदर्शन
बुधवार को नौवें दिन भी जारी है. चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने दिल्ली से नोएडा और नोएडा से दिल्ली आने-जाने वाले दोनों तरफ के मार्ग को अवरुद्ध कर रखा है. धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार जनता की बात नहीं सुन रही है और अगर सरकार का तानाशाही रवैया जारी रहा तो किसान अपना आंदोलन जारी रखेंगे.’ सिंह ने कहा कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय में विभिन्न मांगों वाली एक याचिका दायर की है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उद्योगपतियों का कर्जा माफ किया तथा लॉकडाउन के दौरान उद्योगपतियों को करोड़ों का पैकेज दिया ,लेकिन वह किसानों के प्रति कोई सद्भावना नहीं दिखा रही है. उधर भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति का दलित प्रेरणा स्थल पर धरना प्रदर्शन बुधवार को आठवें दिन भी जारी है और बड़ी संख्या में किसान वहां मौजूद हैं.
भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत का कहना है
कृषि कानून का मसला किसानों की शान से जुड़ा है, ऐसे में वो इससे पीछे नहीं हटेंगे. सरकार कानून में कुछ बदलाव सुझा रही है, लेकिन हमारी मांग कानून को वापस लेने की है. राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार जिद पर अड़ी है तो हम भी अड़े हैं, कानून वापस ही होगा
सिर्फ संशोधनों को नहीं मानेंगे:
किसान संघर्ष कमिटीसिंघु बॉर्डर पर कवलप्रीत सिंह पन्नू (किसान संघर्ष कमिटी) ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाना चाहिए. यह हमारी मांग है. अगर प्रपोजल में सिर्फ संशोधन की बात होगी तो हम उन्हें रिजेक्ट कर देंगे.
एचडी कुमारस्वामी ने बीजेपी के साथ कांग्रेस पर भी बोला हमला–
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि जेडीएस ने कृषि बिल के कुछ पाइंट का विरोध किया था. बताया था कि क्या बदलाव होना चाहिए. कांग्रेस ने भी विरोध किया लेकिन यह नहीं बताया कि किस बात का विरोध है.
अगर सरकार जिद्दी है तो किसान भी जिद्दी हैं: राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार जिद्दी है तो किसान भी जिद्दी हैं. कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा.
दोपहर 2 बजे बीजेपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस–
किसान आंदोलन के बीच बड़ी खबर है. आज दोपहर दो बजे बीजेपी के मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी. प्रकाश जावड़ेकर और बीजेपी महासचिव भूपेंद्र यादव इसमें शामिल होंगे.
सरकार ने किसानों को भेजा प्रस्ताव–
सरकार ने किसानों को संशोधित ड्राफ्ट भेज दिया है. इसमें किसानों की कुछ मांगों को स्वीकर करने की बात है. लेकिन साफ तौर पर कहा गया है कि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे.
विपक्ष पर बरसे सीएम शिवराज सिंह चौहान–
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान हमारे भगवान हैं और उनकी आय दोगुनी करना पीएम मोदी का संकल्प. कृषि कानून क्रांतिकारी कदम हैं. लेकिन नेता जिन्होंने अपने शासन में कुछ नहीं किया वे किसानों के नाम पर राष्ट्रपति से मिलने जा रहे हैं. उन्हें किसानों के बुरे हालातों के लिए माफी मांगनी चाहिए. मैं मध्य प्रदेश के सभी किसानों का धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने भारत बंद का विरोध किया.
दिग्विजय सिंह का पीएम मोदी पर निशाना-
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि पीएम मोदी को जिद छोड़ देनी चाहिए. यह किसानों का मुद्दा है. ऐसी जिद किसी के लिए ठीक नहीं है. तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए. संयुक्त संसदीय समिति बनाई जानी चाहिए. वह समाधान निकालेगी.
किसानों को भेज गए संशोधित प्रस्ताव में क्या-क्या है
मिली जानकारी के मुताबिक किसानों को आज सरकार की तरफ से संशोधित प्रस्ताव भेजा जाएगा. इसमें क्या-क्या है जानिए-इसमें कहा गया है कि एमएसपी पहले के ही तरह जारी रहेगी.
-एपीएमसी कानून के तहत आने वाली मंडियों को और सशक्त करने पर सरकार तैयार है.
-किसानों की एक मांग यह है कि किसानों और व्यापारियों के बीच विवाद का निपटारा एसडीएम की अदालत में होने की बजाए सिविल कोर्ट में होना चाहिए. सरकार ने किसानों की इस मांग को भी प्रस्ताव में शामिल किया है.
-किसान चाहते हैं कि जिन व्यापारियों को प्राइवेट मंडियों में व्यापार करने की इजाजत मिले उनका रजिस्ट्रेशन होना चाहिए, जबकि कानून में केवल पैन कार्ड होना अनिवार्य बनाया गया है. अब व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का प्रस्ताव है.
-पराली के मामले पर भी सरकार किसानों की मांग मांगने को तैयार है.
-बिजली के मुद्दे पर भी सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार है.
-सरकार ने साफ किया है कि इन सभी मुद्दों के अतिरिक्त भी अन्य कोई बात हो तो सरकार बात करने को तैयार है.