सस्ता सोना कब देगा फिर मौका? सरकार ने एसजीबी स्कीम पर दिया जवाब

सोने के आयात पर देश की निर्भरता कम करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत नागरिक फिजिकल गोल्ड की बजाय डिजिटल या कागजी रूप में सोने में निवेश कर सकते हैं। इसके बदले उन्हें निश्चित दर पर ब्याज मिलता है और मैच्योरिटी पर सोने की कीमत के अनुसार भुगतान किया जाता है।

सरकार ने दी योजना की स्थिति पर जानकारी

हाल ही में राज्यसभा में पूछे गए सवालों के जवाब में वित्त मंत्रालय ने SGB योजना की सफलता और इसके आगामी ट्रेंच को लेकर स्थिति स्पष्ट की। मंत्रालय के मुताबिक, अब तक इस योजना के तहत कुल 146.96 टन सोने के समकक्ष बॉन्ड जारी किए जा चुके हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग 72,275 करोड़ रुपये है। इनमें से 15 जून 2025 तक करीब 18.81 टन बॉन्ड रिडीम किए जा चुके हैं।

क्या योजना रही असफल?

राज्यसभा सांसद रजनी अशोक राव पाटिल द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार ने योजना को असफल मानने से इनकार किया। सरकार ने कहा कि यह योजना अब तक काफी प्रभावशाली रही है और इसके तहत जारी बॉन्ड्स की मात्रा इसका प्रमाण है।

फरवरी 2024 में आई थी आखिरी किस्त

वित्त मंत्रालय ने बताया कि SGB योजना के तहत पिछली बार फरवरी 2024 में 2023-24 की चौथी सीरीज जारी की गई थी। इसके बाद से अब तक कोई नई श्रृंखला नहीं लाई गई है।

नई सीरीज पर क्या है सरकार का रुख?

सरकार का कहना है कि वह अपनी फंडिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न साधनों — जैसे सरकारी प्रतिभूतियां, ट्रेजरी बिल्स और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स — का उपयोग करती है। लेकिन कौन-सा माध्यम कब इस्तेमाल किया जाए, इसका निर्धारण बाजार की स्थिति, सोने की कीमत और कर्ज की लागत को देखकर किया जाता है। मौजूदा वैश्विक हालात और भू-राजनीतिक तनावों के चलते सोने की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है, जिससे SGB के जरिए फंडिंग महंगी हो गई है।

नई किस्त कब आएगी, नहीं तय

फिलहाल सरकार ने अगली किस्त जारी करने को लेकर कोई तिथि घोषित नहीं की है। संसद में दिए गए उत्तर में स्पष्ट किया गया कि आगामी सीरीज बाजार की परिस्थितियों, सोने की चाल और उधारी लागत पर निर्भर करेगी।

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