‘आप पसंद करें या न करें, टैरिफ व प्रतिबंधों का हथियार के तौर पर इस्तेमाल अब सच्चाई’: जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ते टैरिफ और प्रतिबंधों का हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि अब ये केवल आर्थिक उपाय नहीं रहे, बल्कि देशों के लिए अपने हितों की रक्षा करने के शक्तिशाली उपकरण बन चुके हैं। 

जयशंकर ने जोर देकर कहा कि पिछले एक दशक में वित्तीय प्रवाह, ऊर्जा आपूर्ति और प्रौद्योगिकी जैसी कई आर्थिक गतिविधियों का तेजी से एक हथियार के रूप में इस्तेमाल होने लगा है। ऐसे में, दुनिया एक नए आर्थिक समीकरण की ओर बढ़ रही है, जहां नीतियां और प्रतिबंध एक नए दौर की रणनीतिक प्रतिस्पर्धा का हिस्सा बन गए हैं।

जयशंकर ने नई दिल्ली में आयोजित रायसीना संवाद के दौरान पैनल चर्चा “कमिसार और पूंजीपति: राजनीति, व्यापार और नई विश्व व्यवस्था” के दौरान यह टिप्पणी की। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने भारत सहित विभिन्न देशों से आयातित वस्तुओं पर विभिन्न टैरिफ लगाने की घोषणा की है।

जयशंकर ने कहा, “यह दुनिया की सच्चाई है। आप अपने कारोबार के लिए लड़ते हैं, क्योंकि आप अपने रोजगार के लिए लड़ रहे हैं, आप अपनी व्यापक राष्ट्रीय शक्ति के लिए लड़ रहे हैं, जिसमें कारोबार का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।”

दुनिया भर में विकसित हो रहे वैश्विक स्तर पर अलग-अलग देशों के संबंधों पर जयशंकर ने कहा, “मुझे लगता है कि आज, विभिन्न क्षेत्रों को विभाजित करने वाली रेखाएं मिट गई हैं। यदि आप अंतरराष्ट्रीय संबंधों को देखें, तो मुझे लगता है कि आज की संस्कृति एक दशक पहले की तुलना में कम संयमित है।”

इससे पहले 13 मार्च को व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने विभिन्न देशों की ओर से अमेरिका पर लगाए गए टैरिफ पर दुख जताते हुए भारत की ओर से अमेरिकी शराब और कृषि उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ का जिक्र किया था।

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