देश में इन दिनों चुनावी सरगर्मी तेज है। भाजपानीत गठबंधन प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर इस लोकसभा चुनाव में उतरा है, जिसका मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों ने अपना गठबंधन बनाया है। हालांकि विपक्षी गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है। इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम के रूप में नरेंद्र मोदी के चौथे कार्यकाल की भी भविष्यवाणी की है। दरअसल, एक साक्षात्कार में सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पीएम मोदी कहीं नहीं जा रहे हैं। वे हैं और रहेंगे। इस दौरान उन्होंने भाजपा के उद्देश्यों और लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारी पर भी चर्चा की। साक्षात्कार के दौरान राजनाथ सिंह प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल और आगामी चुनाव में भाजपा की जीत के प्रति आश्वस्त दिखे।
इस साक्षात्कार में रक्षा मंत्री ने आगे भाजपा के उद्देश्यों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा एक विचारधारा के रूप में काम करने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि हम ‘न्याय सभी के लिए तुष्टिकरण किसी का नहीं’ इस तरह से काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें भारत को विकसित भारत बनाना है। अगर हमने 400 पार का लक्ष्य तय किया है तो हम आश्वस्त हैं कि हम ये लक्ष्य हासिल कर लेंगे। इस दौरान जब उनसे प्रतिपक्ष के इस दावे कि सारी संस्थाओं को भाजपा ने अपने कब्जे में ले लिया है, को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया। रक्षा मंत्री ने कहा कि वे ऐसा कह कर वे देखें कि भाजपा ने अदालत को कब्जे में ले लिया है। क्या हम अदालत से कहते हैं कि फलां व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाए। ये आरोप बिल्कुल बेबुनियाद और निराधार हैं।
कांग्रेस पर लगाया तानाशाह होने का आरोप
इस दौरान उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत के आधार पर हम अपना लक्ष्य तय करते हैं। हमने 2014 के चुनाव में भी इसे समझा था और इस बार भी किया है। इसी के आधार पर हमने 400 पार का लक्ष्य तय किया है। आगे बोलते हुए उन्होंने विपक्ष के आरोप कि भाजपा संविधान बदलना चाहती है और देश में अघोषित इमरजेंसी लागू है, को खारिज किया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो क्या देश में कोई ऐसा बोल सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा आरोप वे लोग लगा रहे हैं जिन्होंने इस देश में इमरजेंसी लागू की थी। 1975 में लागू किए गए आपातकाल के बारे में बात करते हुए वे भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि जिन्होंने तानाशाही दिखाते हुए देश में इमरजेंसी लगाई वो अब हम पर इस तरह के आरोप लगाते हैं। राजनाथ सिंह ने इस दौरान अपनी मां का भी जिक्र किया। राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मेरी मां को ब्रेन हेमरेज हुआ था और तब की सरकार ने मुझे पेरोल नहीं दिया। यहां तक की मेरी माताजी का देहांत हो गया और मैं अपनी मां के क्रियाक्रम में नहीं जा पाया था। मुझे मां से अंतिम समय में भी उन्हें देखने नहीं दिया गया।
‘कहीं नहीं जा रहे पीएम मोदी’
एक साक्षात्कार में जब राजनाथ सिंह से पूछा गया कि भारतीय जनता पार्टी को कब तक मोदी के नाम पर वोट मिलता रहेगा? इसका जवाब देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा ,’मोदी जी कहां जा रहे हैं। काहे चिंता कर रहे हैं। मोदी जी हैं वो रहेंगे। ये तो तीसरा कार्यकाल है वे चौथे टर्म में भी रहेंगे। हालांकि आगे उन्होंने कहा कि जब तक उनमें सामर्थ्य है तब तक रहेंगे। जब तक देश चाहेगा तब तक रहेंगे।’
इस दौरान जब उनसे चीन द्वारा भारत की जमीन पर कब्जे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसमें बिल्कुल सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि इतना विश्वास मैं देशवासियों को दिलाना चाहता हूं कि पीएम मोदी की सरकार में एक इंच जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता और हम अपनी एक इंच जमीन भी जाने नहीं दे सकते। हम तो यह भी कहते हैं कि पीओके हमारा था और हमारा ही रहेगा।
पाकिस्तान पर भी साधा निशाना
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि पाकिस्तान को अपनी धरती से आतंकवाद को समाप्त करना चाहिए और उसके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए। अगर उसे लगता है कि वह ऐसा करने में सक्षम नहीं है, तो भारत की मदद ले सकता है। रक्षा मंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा, भारत आतंकवाद से निपटने के लिए हर तरह की सहायता देने को तैयार है। अगर पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल कर भारत को अस्थिर करने की कोशिश करेगा तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे। हम सीमापार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे और इस्लामाबाद के साथ संबंध सुधारने के लिए आतंकवाद को अलग करके नहीं देख सकते।
‘भारत-पाकिस्तान दोनों मिलकर आतंकवाद खत्म कर सकते हैं, लेकिन…’
उन्होंने साफ किया कि अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है। दोनों देशों के बीत आतंक, शत्रुता या हिंसा का माहौल समाप्त करना होगा। राजनाथ ने कहा, पाकिस्तान हमारा पड़ोसी है। हम दोनों मिलकर आतंकवाद खत्म कर सकते हैं, लेकिन यह उनका फैसला है। मैं सिर्फ एक सुझाव दे रहा हूं। आतंकवाद से निपटने के लिए भारत सब कुछ करेगा। हम आतंकियों को भारतीय सीमा के भीतर काम करने की इजाजत नहीं देंगे। गौरतलब है कि दोनों देशों के रिश्तों में आतंकवाद के कारण लंबे समय से बर्फ जमी है। जम्मू-कश्मीर से जुड़े मुद्दे पर बड़बोले पाकिस्तानी नेताओं के बयानों के कारण भी रिश्तों की तल्खी बरकरार है। भारत ने हर मंच पर साफ किया है कि यह आंतरिक मुद्दा है।