बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं, और कार्यकर्ताओं से मुलाकात का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। इसी बीच, कांग्रेस के लिए बेतिया में एक अप्रत्याशित स्थिति पैदा हो गई। कांग्रेस सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद, जो किशनगंज से प्रतिनिधित्व करते हैं और बिहार चुनाव अभियान समिति के सदस्य हैं, के स्वागत के दौरान एक बड़ी चूक हो गई। यह घटना अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है, और पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ा रही है।
सोमवार को डॉ. जावेद कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के लिए बेतिया स्थित केदार आश्रम पहुंचे थे, जहां कार्यक्रम की अध्यक्षता कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रमोद पटेल ने की। मंच पर कांग्रेस महिला नेत्री सुधा मिश्रा ने सांसद का पारंपरिक स्वागत करते हुए उन्हें शॉल और टोपी पहनाई, लेकिन टोपी पर भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह, कमल देखकर सब चौंक गए।
कुछ ही क्षणों में मंच पर मौजूद सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की नजर टोपी पर पड़ी और माहौल असहज हो गया। सांसद जावेद भी पहले यह समझ नहीं पाए, लेकिन जैसे ही उन्होंने टोपी पर नजर डाली, वह भी हैरान रह गए। तत्परता दिखाते हुए कार्यकर्ताओं ने तुरंत टोपी हटाई और स्थिति को संभालने का प्रयास किया।
इस घटना का वीडियो मीडिया द्वारा रिकॉर्ड किया गया और अब सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल रहा है। इस पर लोग कांग्रेस की तैयारी और कार्यकर्ताओं की सतर्कता पर सवाल उठा रहे हैं, और विपक्ष को भी कांग्रेस को घेरने का एक नया मौका मिल गया है।
हालांकि, इसे मानवीय भूल माना जा रहा है, लेकिन इसका राजनीतिक असर निश्चित रूप से होने की संभावना है। वहीं, डॉ. जावेद ने बैठक में कार्यकर्ताओं से पार्टी की मजबूती के लिए एकजुट होकर काम करने और आगामी विधानसभा चुनाव में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की। यह “कमल छाप टोपी कांड” अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है और इसके भविष्य में राजनीतिक प्रभाव पर चर्चा जारी रहेगी।