पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया नौकरी पर लौटे

नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल रेसलर साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट नौकरी पर लौट आए हैं। तीनों रेलवे में नौकरी करते हैं। रेलवे पब्लिक रिलेशन के डायरेक्टर जनरल योगेश बवेजा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि तीनों ने आज ड्यूटी जॉइन कर ली है। साक्षी और पूनिया ने आंदोलन से हटने की खबरों को गलत बताया है।

इंसाफ मिलने तक जारी रहेगी लड़ाई : साक्षी मलिक

साक्षी मलिक ने कहा, ”ये खबर बिलकुल ग़लत है। इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए।” 

आंदोलन दोबारा शुरू करेंगे: साक्षी मलिक के पति

साक्षी मलिक के पति और पहलवान सत्यव्रत कादियान ने आंदोलन से हटने की खबरों पर कहा कि हमारे निर्णय को प्रभावित करने के लिए इस तरह की चीजे चलाई जा रही हैं। हम विरोध से पीछे नहीं हटे हैं।

23 अप्रैल से धरने पर बैठे पहलवान

बता दें, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत तमाम पहलवान बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। इससे पहले, जनवरी में उन्होंने धरना दिया था, लेकिन केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के आश्वासन के बाद धरना खत्म कर दिया था।

बृजभूषण पर दर्ज किए गए दो मामले

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 21 अप्रैल को सात महिला पहलवानों ने दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने  28 अप्रैल को बृजभूषण के खिलाफ दो मामले दर्ज किए। इनमें पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामला भी शामिल है, जिसे नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोप पर दर्ज किया गया। वहीं, दूसरा मामला अन्य पहलवानों द्वारा दर्ज आरोपों से संबंधित है। 

बृजभूषण के खिलाफ नहीं मिले सबूत

बृजभूषण शरण सिंह पर लगाए गए आरोपों की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है, लेकिन एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी एसआईटी को कोई ऐसा सबूत नहीं मिला है, जिनसे बृजभूषण पर लगाए आरोप ठोस तरीके से साबित हो रहे हों।

पहलवानों के खिलाफ जा सकता है मामला

पुलिस सूत्रों की मानें तो अब यह मामला पहलवानों के ही खिलाफ जा सकता है, क्योंकि नाबालिग शिकायतकर्ता के बालिग होने के साथ यह भी खुलासा हुआ है कि उसे नाबालिग बताने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए गए थे। बृजभूषण के खिलाफ छेड़खानी व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराने का यही आधार था।

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