दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के करीब पहुँच गया है, जिससे शहर में बाढ़ का जोखिम बढ़ गया है। लगातार हो रही बारिश और बैराजों से छोड़े जा रहे पानी ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। 1 सितंबर सुबह यमुना का जलस्तर 204.95 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान से केवल कुछ ही नीचे है। अगले 2-3 दिन में जलस्तर और बढ़ सकता है।
हथिनीकुंड बैराज से लगातार लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। सुबह 7 बजे 2,72,000 क्यूसेक, 8 बजे 3,11,032 क्यूसेक और 9 बजे 3,29,313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो कल तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है। यमुना का जलस्तर सुबह 11 बजे रेलवे के पुराने लोहे के पुल पर 204.88 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान से थोड़ा नीचे है, लेकिन आने वाले 24-48 घंटों में यह निशान पार कर सकता है।
बढ़ते जलस्तर और संभावित बाढ़ को देखते हुए प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। मयूर विहार में बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और नदी किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने तथा जरूरत पड़ने पर शिविरों में आश्रय लेने की सलाह दी गई है। दिल्ली में खतरे का निशान 205.33 मीटर है, जबकि प्रशासन ने यमुना के 206.50 मीटर तक पहुंचने की संभावना जताई है और अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखने व पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।
मौसम विभाग ने भी अलर्ट जारी किया है। दिल्ली और एनसीआर के कई जिलों में 1 और 2 सितंबर को तेज बारिश और गरज के साथ बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। 3 से 5 सितंबर तक भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने राजधानी में बारिश के चलते येलो अलर्ट जारी किया है।