प्रयागराज महाकुंभ में ऐतिहासिक आयोजन का आखिरकार समापन हो गया. महाकुंभ में 45 दिनों में 66 करोड़ 21 लाख लोगों ने डुबकी लगाई. महाशिवरात्रि के मौके पर अकेले 1 दिन में संगम में 1 करोड़ 44 लाख लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. महाकुंभ का समापन तो हो गया लेकिन इसकी विशालता अभी भी झलक रही है, जिसके बाद इस पर सियासत तेज हो गई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज मेला क्षेत्र का दौरा किया और अपने मंत्रियों के साथ अरैल घाट पर साफाई अभियान चलाया. इसके बाद सीएम ने पूजा की और फिर सफाई कर्मियों की जमकर सराहना की और उनके साथ बैठकर भोजन किया. वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ के महत्व को बताते हुए एक ब्लॉग लिखा और इसे एक नए युग की शुरुआत बताया.
प्रधानमंत्री ने अपने ब्लॉग के जरिए ये तर्क दिया कि प्रयागराज में जो कुछ हमने देखा, जब एक राष्ट्र की चेतना जागृत होती है, जब वो सैकड़ों साल की गुलामी की मानसिकता के सारे बंधनों को तोड़कर नव चैतन्य के साथ हवा में सांस लेने लगता है तो ऐसा ही दृश्य उपस्थित होता है. उन्होंने कहा कि महाकुंभ एक ऐसा आयोजन था जिसमें जात-पात, पंथ, विचारधारा की परवाह किए बिना ही लोग देश और दुनिया के कोने-कोने से संगम पहुंचे.
उन्होंने कहा, ये भारत की विशाल क्षमता और सामूहिक शक्ति का प्रमाण है. कुंभ के आयोजन के तरीके को प्रबंधन पेशेवरों और नीति विशेषज्ञों के लिए एक उपयुक्त केस स्टडी बताते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि अगर किसी को भीड़ के कारण असुविधा हुई है तो वह उन सभी से क्षमा चाहते हैं.

प्रयागराज में हुआ महाकुंभ का ये आयोजन, आधुनिक युग के मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स के लिए, प्लानिंग और पॉलिसी एक्सपर्ट्स के लिए, नए सिरे से अध्ययन का विषय बना है. आज पूरे विश्व में इस तरह के विराट आयोजन की कोई दूसरी तुलना नहीं है, ऐसा कोई दूसरा उदाहरण भी नहीं है.
पूरी दुनिया हैरान है कि कैसे एक नदी तट पर, त्रिवेणी संगम पर इतनी बड़ी संख्या में करोड़ों की संख्या में लोग जुटे. इन करोड़ों लोगों को ना औपचारिक निमंत्रण था, ना ही किस समय पहुंचना है, उसकी कोई पूर्व सूचना थी. बस, लोग महाकुंभ चल पड़े और पवित्र संगम में डुबकी लगाकर धन्य हो गए.
महाकुंभ समापन पर सीएम योगी का संबोधन
- सीएम योगी ने कहा, महाकुंभ एक वैश्विक इवेंट बना. पीएम के विजन के चलते यह दुनियां तक पहुंचा है. मीडिया को धन्यवाद देते हुए सीएम ने कहा कि दिन हो या रात सुबह हो या शाम गर्मी और ठंड में भी मीडिया के लोग चलते रहे. या तो मां गंगा की धारा चलती रही या फिर मीडिया कर्मी चलते रहे.
- 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं को त्रिवेणी में पवित्र डुबकी लगाने का सौभाग्य मिला. आस्था और आर्थिकी का एक नया रिकॉर्ड बना है. अयोध्या, काशी, चित्रकूट, विंध्याचल, गोरखपुर करोड़ों श्रद्धालु आए. 45 दिन में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आए. प्रयागराज से जुड़े पांच तीर्थों पर लाखों श्रद्धालु आए. महाकुंभ के पूरे आयोजन के अस्थायी और स्थायी कार्य में केंद्र और राज्य सरकार ने लगभग 7500 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए.

- सीएम ने बताया कि महाकुंभ के आयोजन के लिए फ्लाईओवर, सड़क, धार्मिक स्थलों के कॉरिडोर बनाए गए. हनुमान मंदिर कॉरिडोर, भरद्वाज आश्रम कॉरिडोर, नागवासुकी मंदिर कॉरिडोर, श्रृंगवेरपुर कॉरिडोर, द्वादश माधव समेत 12 कॉरिडोर बनाए गए, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहे. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शहर के अंदर 1 लाख कार्मिक जोड़कर इस महाकुंभ को सफलता की ऊंचाई तक पहुंचाया गया. जिसमें पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य समेत अन्य विभाग से शामिल थे.

- सीएम ने बताया, सवा तीन करोड़ यात्रियों ने यूपी परिवहन विभाग की बसों से सफर किया. प्रयागराज आज स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित हुआ है. यहां के मॉडल को देखकर श्रद्धालु खुश थे. चौराहों पर सेल्फी लेते देखे गए. मेला क्षेत्र में 6 लाख वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था थी. एक लाख टेंट थे. 8 हजार आश्रम और संस्थाओं के शिविर बने थे. 30 पांटून ब्रिज, 12 किलोमीटर में घाट बनाए गए. 7 नए पक्के स्नान घाट भी बनाए गए. केंद्र और राज्य सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया. सभी संस्थाओं ने अपना काम किया. सभी व्यवस्थाओं को आमजन तक पहुंचाने का काम मीडिया ने ही किया.

- सीएम योगी ने कहा कि हिंदी मीडिया के साथ विदेशी मीडिया ने भी इस आयोजन को सकारात्मक दृष्टि से दिखाया. जो भी यहां आया यहां की व्यवस्थाओं की तारीफ की. प्रयागराज के लोगों का धैर्य भी अच्छा था. लोगों को सपोर्ट करने में प्रयागराज वासियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. श्रद्धालुओं की भीड़ से पूरा मेला क्षेत्र पटा हुआ था. स्वच्छता कर्मियों को सम्मानित किया गया है. उनके लिए जरूरी प्रयास भी किए गए हैं, जिसको उनसे शेयर किया. त्रेता युग में भगवान राम को निषादराज ने गंगा पार कराई थी. उन्हें भी सम्मानित करने का अवसर मिला.
महाकुंभ पहुंचे 66+ करोड़ लोग, अमेरिका की आबादी से डबल
देश | जनसंख्या |
भारत | 146 करोड़ |
चीन | 142 करोड़ |
अमेरिका | 35 करोड़ |
पाकिस्तान | 24 करोड़ |
रूस | 14 करोड़ |
महाकुंभ | 66+ करोड़ |
कुंभ भले ही संपन्न हो गया हो लेकिन इस पर सियासत जारी है. बीजेपी नेताओं ने अब विपक्ष से पूछा है कि विपक्ष के कुछ बड़े नेता महाकुंभ में क्यों शामिल नहीं हुए. जहां आधा भारत मौजूद था? क्या इसलिए कि उन्हें लगा कि यह उनकी राजनीति के लिए खतरनाक होगा? दिलचस्प बात यह थी कि भले ही इंडिया गठबंधन के अधिकांश बड़े चेहरे महाकुंभ में शामिल नहीं हुए, कुछ नेता अलग हो गए. उदाहरण के लिए, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पहले त्रिवेणी गए और कल कोयंबटूर में ईशा फाउंडेशन में महाशिवरात्रि समारोह में भाग लिया.
दिग्विजय सिंह ने पहले भी महाकुंभ का दौरा किया था और फिर कल मध्य प्रदेश में बागेश्वर धाम द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की. ऐसा लगता है कि कुंभ में जो कुछ देखने को मिला उसकी ताकत का एहसास ममता बनर्जी को हो गया है, जब उन्होंने आज भाजपा पर हमला किया और कहा, वो जो अनुसरण करते हैं, वो स्वामी विवेकानंद के हिंदुत्व से बिल्कुल अलग है.
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा, राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे साहब कुंभ में नहीं गए हैं. मुझे लगता है कि राहुल गांधी हिंदू हैं या नहीं हैं. उद्धव ठाकरे हिंदू है कि नहीं हैं अगर वो हिंदू हैं तो कुंभ में जाना चाहिए था लेकिन वो कुंभ नहीं गए. इसका मतलब है कि हिंदू धर्म को नहीं मानते हैं. इसलिए हिंदू धर्म के लोगों को आने वाले चुनाव में इन्हें वोट नहीं देना चाहिए. नेता कांग्रेस अजय राय ने कहा, हम राहुल गांधी के सिपाही हैं तो जब हम स्नान कर आए. हर हर महादेव हो गया, जब प्रदेश अध्यक्ष कुंभ में स्नान कर आए, उसका मतलब सभी स्नान कर आए.