वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स ढांचे में बड़े बदलाव किए गए हैं, जिससे आम नागरिक को राहत मिलेगी। अब चार स्लैब की जगह केवल दो स्लैब – 5% और 18% – रहेंगे और जरूरी सामानों को पूरी तरह टैक्स मुक्त कर दिया गया है। इस कदम से त्योहारी सीजन में ई-कॉमर्स कंपनियां भी अपनी बिक्री रणनीतियों को अपडेट करने में जुट गई हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस जीएसटी सुधार से न केवल आम जनता की जेब पर असर पड़ेगा, बल्कि ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं और FMCG कंपनियों को भी फायदा मिलेगा। बदलाव 22 सितंबर यानी नवरात्रि से लागू होंगे, लेकिन इसका असर बाजार में पहले ही दिखने लगा है। कई कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स के दाम घटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ई-कॉमर्स कंपनियों का कहना है कि टैक्स कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचना चाहिए। अमेज़न इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट सौरभ श्रीवास्तव के अनुसार, नवरात्रि के समय ऑनलाइन बिक्री में 15-20% की वृद्धि की उम्मीद है, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और टिकाऊ घरेलू उपकरणों में। उन्होंने कहा कि नए स्लैब से खरीदारी आसान और पारदर्शी होगी, जिससे ग्राहकों की जटिलताएं कम होंगी।
अमेज़न इंडिया इस बार 23 सितंबर से ‘ग्रेट इंडियन फेस्टिवल’ सेल शुरू कर रही है। प्राइम सदस्यों के लिए यह सेल 22 सितंबर से शुरू होगी। कंपनी ने देशभर में 1-1.5 लाख युवाओं को प्रशिक्षण देकर तेजी से डिलीवरी सुनिश्चित करने की तैयारी की है। इसके अलावा 500 शहरों में 10,000 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों से सामान की डिलीवरी की योजना बनाई गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उम्मीद जताई कि नए जीएसटी स्लैब से उपभोग बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि ज्यादातर आवश्यक वस्तुएं अब कम टैक्स कैटेगरी में आ गई हैं और केवल कुछ लक्जरी एवं सिंपल गुड्स ही उच्च दर में रहेंगे। इसके साथ ही घी, पनीर, छेना, एसी, घरेलू उपकरण, छोटी कारें और कुछ जीवन रक्षक दवाओं की कीमतें भी कम हो जाएंगी।