रायपुर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह: विधानसभा के प्रबोधन सत्र में होंगे शामिल

 केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह रायपुर पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वामी विवेकानंद विमानतल पर पुष्पभेंट कर उनका आत्मीय स्वागत किया। माना विमानतल पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, रायपुर सांसद सुनील सोनी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल और पूर्व आरडीए अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने भी शाह का स्वागत किया। शाह आज रविवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रबोधन सत्र में शमिल होंगे। सत्र के आखिरी दिन यानी चौथे सत्र में वो शाम सवा पांच बजे नए विधायकों को राजनीतिक मंत्र देंगे। प्रभावी विधायक कैसे बने इस विषय पर वो व्याख्यान देंगे। 

इससे पहले आज पूर्व मंत्री और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने विधानसभा में प्रबोधन कार्यक्रम के दूसरे सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों को संबोधित किया। वहीं अतिथि वक्ता विधायक एवं पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने भी नवनिर्वाचित विधायकों को संबोधित किया।

प्रबोधन सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति धनखड़ बोले- पक्ष-विपक्ष में सामंजस्य रहना चाहिए, तभी लोकतंत्र फलेगा-फूलेगा 
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रबोधन में कहा कि पक्ष और विपक्ष के विधायकों में लगातार संपर्क और सामंजस्य होना चाहिए, तभी लोकतंत्र फलेगा-फूलेगा और सकारात्मक परिणाम देगा। आप सदन में प्रतिद्वंदी नहीं हैं, वहां सौहार्द्रपूर्ण वातावरण होना चाहिए। आप लोग सामंजस्य बनाकर जनहित में बेहतर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में सीखने की प्रक्रिया निरंतर चलते रहती है। सदन में नये विधायकों को पुराने विधायकों से भी काफी कुछ सीखने मिलेगा। उपराष्ट्रपति ने संविधान सभा के गठन और भारत के संविधान के निर्माण की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि विधायिका के सदस्यों को संविधान को जानना जरूरी है। जनआकांक्षाओं के अनुरूप कानूनों में बदलाव विधायिका का प्रमुख कार्य है। प्रचलित कानूनों में बदलाव भारत में ही नहीं दुनिया के सभी देशों में होता है। उन्होंने कहा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था में मौलिक अधिकार बहुत अहम हैं। इसके बिना प्रजातंत्र नहीं चल सकता है। 

ओम बिड़ला ने कहा- जय जोहार!
छत्तीसगढ़ विधानसभा के दो दिवसीय प्रबोधन सत्र के पहले दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के इस प्रबोधन कार्यक्रम में आप सभी को मेरा अभिवादन, जय जोहार। छत्तीसगढ़ प्रदेश अपनी प्राकृतिक सम्पदा, सौंदर्य, यहां की अध्यात्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक रहा है। प्रदेश छोटा है लेकिन विविधताएं बहुत हैं,। यहां के पुरातत्व, संस्कृति, जनजातीय, लोकाचार पूरे देश को प्रभावित करते हैं। छत्तीसगढ़ की विशेष रूप से जीवंत कला, यहां के शिल्प, लोकगीत और नृत्य पूरे देश के लिए आकर्षण है। छत्तीसगढ़ और यहां के पुरातत्व संपत्ति को देखने के लिए देशभर और कई देशों के लोग यहां आते हैं।

‘जिसका लोगों से मेल-मिलाप नहीं छूटता, उसकी लीडरशिप पक्की’
जिसका जनसंपर्क नहीं छूटता, लोगों से मेल-मिलाप नहीं छूटता, उसकी लीडरशिप पक्की होती है। इसलिए लोगों से खूब मिलिये, जितना संपर्क बढ़ाएंगे, आपको परिस्थितियों के बारे में उतना ही अधिक फीडबैक मिलेगा। आप अपने कार्यों का बेहतर तरीके से संचालन कर सकते हैं। ये बातें विधानसभा में प्रबोधन कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहीं। उन्होंने आप सभी अध्ययनशील हो, खूब पढ़ें, जब अपनी बात रखनी हो तो बहुत से संदर्भ दें। इसके लिए राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय परिस्थितियों पर नजर रखें। हमेशा किसी विषय पर बात रखने के लिए उसके संदर्भ में पढ़ी गई चीजों को उद्धृत करें। सबसे ज्यादा आपका जनसंपर्क बढ़िया होना चाहिए, एक अच्छे लीडर का जनसंपर्क शानदार होता है। सोशल मीडिया के उपयोग के संदर्भ में उन्होंने कहा कि आज के समय में सोशल मीडिया का उपयोग बहुत जरूरी है। इसके माध्यम से आप अपनी बात बहुत से लोगों तक प्रभावी रूप से पहुंचा सकते हैं। योजनाओं की जानकारी की पहुंच का भी यह अच्छा माध्यम है। इसके लिए सोशल मीडिया का खूब उपयोग करें। 

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