यूपी: मौ. मोहम्मद अली जौहर शोध संस्थान की लीज निरस्त करेगी सरकार

सपा नेता आजम खां से मौलाना मोहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण व शोध संस्थान वापस लिया जाएगा। इसकी लीज निरस्त की जाएगी। सरकार ने मामले पर सख्त रुख अपनाया है। आजम खां ने सपा सरकार के समय कैबिनेट से निर्णय करवाकर संस्थान को लीज पर लिया था। प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने करीब ढाई साल पहले शासन को सौंपी एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर जांच के आदेश दिए हैं।

मामले में उस समय मंडलीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रहे राघवेंद्र प्रताप सिंह पर कार्रवाई भी की जाएगी। राघवेंद्र अब संयुक्त निदेशक हैं। उन्हें आरोप पत्र देकर जवाब मांगा जाएगा।

आजम खां ने सपा सरकार में मंत्री रहते हुए मात्र 100 रुपये में इस संस्थान को 33 साल के लिए लीज पर लिया था। इसकी अवधि 33-33 साल के लिए दो बार बढ़ाई जा सकती है। इस निर्णय के बाद यह शोध संस्थान उस ट्रस्ट का हो गया था जिसके आजीवन अध्यक्ष आजम खां हैं। यह ट्रस्ट ही इस शोध संस्थान का संचालन करता है। अब सरकार इस लीज को निरस्त करने जा रही है।

एसआईटी ने मंडलीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह पर भी कार्रवाई की संस्तुति की है। उन पर लापरवाही व उदासीनता बरतने का आरोप है।

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