पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने वायु और समुद्री यातायात के लिए नई NOTAM (Notice to Airmen) और समुद्री चेतावनी जारी की है, जिससे अरब सागर के ऊपरी इलाकों में सैन्य गतिविधियों में तेजी का संकेत मिला है. खास बात यह है कि इस बार पाकिस्तान ने ओरमारा के पास समुद्र में नौसैनिक मिसाइल और गन फायरिंग का ऐलान किया है, जो उसके चल रहे नौसैनिक अभ्यासों का हिस्सा बताया जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की ओर से ये NOTAM और नेविगेशन वार्निंग्स अचानक नहीं आईं, बल्कि हाल के दिनों में उसकी सैन्य तैयारी में बढ़ोतरी को देखते हुए इनका दायरा लगातार बढ़ाया गया है. इस बार ओरमारा से सटी समुद्री सीमाओं में मिसाइल फायरिंग की चेतावनी, और सोंमियानी मिसाइल टेस्ट रेंज के आसपास के वायुमार्गों को अस्थायी रूप से बंद करना, उसकी आक्रामक सैन्य मंशा की ओर इशारा कर रहे हैं.
कहीं पाक का शक्ति प्रदर्शन तो नहीं
विश्लेषकों का मानना है कि यह सब ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत-पाकिस्तान संबंध बेहद संवेदनशील मोड़ पर हैं. जम्मू-कश्मीर में हुए हालिया आतंकी हमलों के बाद भारत की ओर से कड़ा रुख अपनाया गया है. ऐसे में पाकिस्तान द्वारा नौसैनिक शक्ति का प्रदर्शन करना केवल अभ्यास भर नहीं, बल्कि रणनीतिक संदेश भी हो सकता है.
पाक के लिए अहम है ओरमारा बेस
ओरमारा, पाकिस्तान नौसेना के लिए एक रणनीतिक रूप से अहम बेस है. यहां अक्सर पनडुब्बियों, फ्रिगेट्स और गश्ती जहाजों की तैनाती रहती है. अब जब इस क्षेत्र में मिसाइल और गन फायरिंग का अभ्यास शुरू किया गया है, तो यह न सिर्फ वाणिज्यिक समुद्री मार्गों को प्रभावित करेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से एक तनावपूर्ण स्थिति पैदा करेगा.
पहले भी किए जा चुके हैं मिसाइल परीक्षण
साथ ही, सोंमियानी रेंज के पास एयर रूट्स की अस्थायी बंदी ने भी सवाल खड़े किए हैं. सोंमियानी रेंज पाकिस्तान की प्रमुख मिसाइल परीक्षण स्थली है, जहां से पहले भी कई बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों का परीक्षण किया जा चुका है. फिलहाल कौन-सी मिसाइलें परीक्षण के लिए निर्धारित हैं, इसका खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन रूट ब्लॉकिंग से यह स्पष्ट है कि बड़ी सैन्य गतिविधि की तैयारी चल रही है।
भारत की ओर से अभी तक इस गतिविधि पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान के इन कदमों को महज रुटीन ड्रिल मानना एक भूल होगी. मौजूदा भूराजनीतिक परिस्थितियों और आतंकवाद को लेकर बढ़ते तनाव को देखते हुए, भारत को न केवल कूटनीतिक रूप से, बल्कि सामरिक स्तर पर भी इन गतिविधियों पर नजर रखनी होगी.